राजस्थान शहीद : पार्थिव देह पहुंची तो रो पड़ा पूरा गांव, 3 साल के बेटे ने दी चिता को मुखाग्नि
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Dholpur/Bharatpur News, धौलपुर/भरतपुर। जम्मू कश्मीर के पुलवामा में शहीद हुए सीआरपीएफ के जवानों की पार्थिव देह शनिवार सुबह उनके घर पहुंची तो कोहराम मच गया। शहीद परिजनों के साथ-साथ पूरा गांव रो पड़ा है। हर किसी के दिल में पाकिस्तान और आतंकवाद के खिलाफ गुस्सा भी नजर आया।
राजस्थान के पांच शहीदों में से धौलपुर के शहीद भागीरथ सिंह व भरतपुर के जीतराम का सुबह अंतिम संस्कार कर दिया गया। शहीद भागीरथ सिंह धौलपुर जिले के राजाखेड़ा के जैतपुर और शहीद जीतराम भतरपुर की नगर तहसील के सुंदरावली गांव के रहने वाले थे। दोनों ही शवयात्रा में हजारों लोग शामिल हुए। हाथों में तिरंगा लेकर चल रहे लोगों ने पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी भी की। शहीद भागीरथ की चिता को उनके तीन साल के बेटे ने मुखाग्नि दी।
Shaheed Bhagirath Dholpur : पिता से किया था जल्द वापसी का वादा
पुलवामा हमले में शहीद हुए भागीरथ राजस्थान के धौलपुर जिले के दिहौली थाना इलाके के गांव जैतपुर के रहने वाले थे। छह साल पहले CRPF की 45वीं बटालियन में भर्ती हुए भागीरथ इन दिनों छुट्टियों पर घर आए हुए थे। दो दिन पहले ही ड्यूटी पर लौटे थे। इस दौरान उन्होंने पिता परसराम से वादा किया था कि जल्द सकुशल वापस लौटेगा, मगर गुरुवार शाम को उनकी शहादत की खबर आ गई। भागीरथ की शादी चार साल पहले यूपी के पिनाहट के गांव मल्लपुरा निवासी रंजना के साथ हुई थी। इनका बेटा विनय तीन साल व बेटी शिवांगी डेढ़ साल की है।
Shaheed jeetram gurjar Bharatpur : पूरे गांव को हो रहा शहादत पर गर्व
पुलवामा आतंकी हमले में शहीद जीतराम गुर्जर भरतपुर जिले की नगर तहसील के गांव सुंदरावली के रहने वाले थे। सीआरपीएफ की 92वीं बटालियन में तैनात जीतराम 12 फरवरी को ही ड्यूटी पर लौटे थे। 28 वर्षीय शहीद जीतराम के भाई विक्रम ने बताया उन्हें देर रात तक तो यकीन ही नहीं हो रहा था कि उनका भाई भी शहीद हो गया। सुबह जम्मू से सीआरपीएफ के अधिकारियों ने फोन पर इसकी जानकारी दी। ग्रामीणों के अनुसार जीतराम बेहद मिलनसार था। वह जब भी गांव आता था तब युवाओं से देशभक्ति की बातें किया करता था। राधेश्याम के बेटे जीतराम की शहादत पर पूरे गांव को गर्व है। जीतराम के दो बेटी हैं। बड़ी बेटी डेढ़ साल और दूसरी बेटी करीब 4 माह की है।