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माला पहनाकर, काजू और बादाम खिलाकर हलाल किया गया ये बकरा, तस्वीरें वायरल

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अजमेर। आपने एक मशहूर कहावत तो सुनी ही होगी कि 'बकरे को हलाल करने से पहले उसे खिलाया पिलाया जाता है' हां ये सही है। आज ईद-उल-अजहा का त्योंहार ख्वाजा की नगरी अजमेर में भी हर्षोल्लास से मनाया गया। सुबह ईदगाह और दरगाह में नमाज अदा की गई। इसके बाद अल्लाह की राह में कुर्बानी की रस्म अदा हुई। बात जब कुर्बानी की होगी तो बकरीद में बकरा बड़ी अहमियत रखता है। अजमेर में शेरू नाम का एक बकरा था। शेरू को बड़े ही नाजों से पाला गया और उसे खुराक में काजू, बादाम और मखाने भी दिए जाते थे।

120 किलो का था यह बकरा

120 किलो का था यह बकरा

अजमेर के दरगाह क्षेत्र में रहने वाले एडवोकेट हाजी फैय्याज उल्ला ने बताया कि वह शेरू को जयपुर से खरीद कर लाए थे। इसका वजन लगभग 120 किलोग्राम था। शेरू को रोजाना काजू, बादाम और मखाने के साथ हरा चारा व अन्य खाने के लिए दिया जाता था। शेरू की देखभाल की जिम्मेदारी भी विशेष रूप से घर के बच्चों की थी जिनमें अल-हज्जानी अक्सा-ए-जैनब, ईरम फातमा, हया फातमा, हज्जानी अदिना-ए-जैनब है।

खाने पीने का खासा रखा जाता था ख्याल

खाने पीने का खासा रखा जाता था ख्याल

ऐसा बहुत कम ही बार देखने को मिलता है कि किसी जानवर को लोग अपने बच्चे सा प्यार देते हो। शेरू को अक्सर खाने पीने में काजू, बादाम, मावे, मखाने, हरे चारे इत्यादि दिये जाते थे।

बच्चों के साथ खेलता था शेरू

बच्चों के साथ खेलता था शेरू

उन्होंने कहा कि बच्चे रोजाना शेरू के साथ खेलते भी थे। आज अल्लाह की राह में शेरू को कुर्बान किया गया। फैय्याज उल्ला ने कहा कि यह पहली बार नहीं है। हर बार बकरा ईद के मौके पर वह बकरे लाते हैं और उन्हें पाल पोस कर कुर्बान करते हैं।

 बग्घी में घूमाने की परम्परा

बग्घी में घूमाने की परम्परा

बकरा ईद के मौके पर ख्वाजा साहब की दरगाह के खादिम सैयद अब्दुल गनी गुर्देजी भी 1963 से बकरे लाकर लाड़-प्यार से पालते हैं। इसके बाद बकरा ईद से एक दिन पहले बकरे को सोने-चांदी के गहने आदि पहनकार बग्घी में जोता जाता है, फिर उसे दरगाह के आस-पास के बाजारों में घूमाया जाता। ईद के मौके पर उसकी कुर्बानी दी जाती।

कुर्बानियों में आई कमी

कुर्बानियों में आई कमी

बकरे बेचने वाले व्यापारियों की मानें तो हर साल की तुलना में इस बार बकरों की कीमतें काफी आसमान छू रही हैं। बीस से पच्चीस हजार रूपए की कीमत से लेकर डेढ़ से दो लाख रूपए तक की कीमत के बकरे बाजार में हैं। कीमत अधिक होने के कारण कई लोग कुर्बानी का मानस होने के बाद भी कीमतों के कारण मन मसोस कर रह गए।

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English summary
First a goat eat cashew nuts, almonds and mawa, then peoples killed sheru on the name of allah in azmer
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