CM गहलोत बोले- दबाव में न आएं राज्यपाल, अगर जनता राजभवन घेरेगी तो सरकार की जिम्मेदारी नहीं
नई दिल्ली: राजस्थान हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से पायलट खेमे को राहत मिलने के बाद अब गहलोत सरकार का फोकस विधानसभा सत्र पर है। शुक्रवार को सीएम गहलोत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ राज्यपाल से मिलने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने विधानसभा सत्र को लेकर राज्यपाल पर गंभीर आरोप लगाए। उनके मुताबिक सरकार के निवेदन के बाद भी राज्यपाल सत्र बुलाने के निर्देश नहीं दे रहे हैं। गहलोत के मुताबिक सत्र शुरू होते ही राजनीतिक संकट की तस्वीर साफ हो जाएगी।
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राज्यपाल से मुलाकात के पहले सीएम गहलोत ने कहा कि हम चाहते हैं कि कोरोना और राजनीतिक परिस्थितियों पर चर्चा के लिए विधानसभा का सत्र बुलाया जाए। हमें पता है कि कुछ दबाव के कारण राज्यपाल सत्र बुलाने के निर्देश नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि वो सोमवार से राज्य विधानसभा सत्र शुरू करना चाहते हैं। तब सबकुछ स्पष्ट हो जाएगा। उन्होंने कहा कि हो सकता है विधानसभा सत्र न होने पर आने वाले दिनों में राजस्थान की जनता राजभवन को घेरने आ जाए, तो हमारी जिम्मेदारी नहीं होगी।
#WATCH: "We are going to the Governor to request him to not come under pressure (and call Assembly session)... varna fir ho sakta hai ki pure pradesh ki janta agar Raj Bhawan ko gherne ke liye aagai, to hamari zimmedari nahi hogi," says Rajasthan CM Ashok Gehlot https://t.co/2UaH94tTrB pic.twitter.com/ODEq7PZGei
— ANI (@ANI) July 24, 2020
गहलोत
के
पास
कितने
विधायक?
अशोक
गहलोत
खेमे
का
दावा
है
कि
कम
से
कम
103
विधायक
उनके
प्रति
वफादार
हैं।
इनमें
कांग्रेस
के
88
विधायक,
बीटीपी
और
सीपीएम
के
2
विधायक,
आरएलडी
के
एक
और
10
निर्दलीय
विधायक
शामिल
हैं।
सूत्रों
के
मुताबिक
सीएम
गहलोत
अगले
हफ्ते
विधानसभा
सत्र
चाहते
हैं,
ताकी
बहुमत
को
साबित
किया
जा
सके।
वहीं
दूसरी
ओर
पायलट
का
दावा
है
कि
गहलोत
सरकार
अल्पमत
में
है।