BK Birla : शोक में डूबा राजस्थान का पिलानी कस्बा, अमीरी का दूसरा नाम है बीके बिड़ला का परिवार
झुंझुनूं। देश के दिग्गज बिजनेसमैन बसंत कुमार बिड़ला नहीं रहे। 98 वर्षीय बिड़ला ने बुधवार को मुम्बई में अंतिम सांस ली। गुरुवार को कोलकाता में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। बिड़ला मूलरूप से राजस्थान के झुंझुनूं जिले के पिलानी कस्बे के रहने वाले थे।
उनके निधन से पिलानी कस्बे में शोक की लहर है। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने भी बिड़ला के निधन पर दुख जताया है। बिड़ला ग्रुप के दिग्गज और कुमार मंगलम बिड़ला के दादा बसंत कुमार भारतीय उद्योग जगत का एक अहम हिस्सा थे। बिड़ला सेंचुरी टेक्सटाइल्स और इंडस्ट्रीज के चेयरमैन बीके बिड़ला ने महज 15 साल की उम्र में ही बिजनेस में सक्रिय हो गए थे।
जानिए 17 मिनट में ही क्यों हो गई यह शादी, बारातियों को नाश्ते में मिले सिर्फ चाय बिस्किट
बिड़ला परिवार का पिलानी से है गहरा जुड़ाव
बिड़ला परिवार देश में अमीरी का दूसरा नाम है। एक छोटे से कस्बे पिलानी का यह परिवार दुनियाभर में नामी बिजनेस घराने के रूप में पहचान बना चुका है। बिड़ला परिवार का पिलानी से खास जुड़ाव रहा है। अक्सर पिलानी आता रहता है। यहां पर बिड़ला परिवार की ओर से कई शिक्षण संस्थाएं और बिट्स जैसा नामी शिक्षण संस्थान संचालित है।
100 करोड़ की मालकिन गांव में कर रही खेती, बेचती है पशुओं का दूध, सम्पत्ति से खुद अनजान
बिड़ला के नाम से जाना जाता है पिलानी
झुंझुनूं जिला से 39 किलोमीटर दूर पिलानी कस्बा चिड़ावा उपखंड में आता है, यह कस्बा बिड़ला पिलानी के नाम से मशहूर है। यहां पर बिड़ला परिवार की पुस्तैनी हवेली भी है। इसके अलावा झुंझुनूं-चूरू रोड पर भी एक गांव का नाम पिलानी है।
सिंचाई विभाग का यह इंजीनियर सोने-चांदी के बर्तनों में खाता है खाना, ऐसे हुआ खुलासा
जीडी बिड़ला के सबसे छोटे बेटे
बता दें कि बीके बिड़ला नामी बिजनेसमैन रहे घनश्याम दास बिड़ला (जीडी बिड़ला) के सबसे छोटे बेटे थे। बीके बिड़ला का वर्ष 1921 में 12 जनवरी को इनका जन्म कोलकाता में हुआ। इन्होंने कपास, विस्कोस, पॉलिस्टर और नायलॉन यार्न, रिफैक्टरी, पेपर, शिपिंग, टायरकोर्ड, ट्रांसपैरेंट पेपर, स्पन पाइप, सीमेंट, चाय, कॉफी, इलायची, केमिकल्स, प्लाईवुड, एमडीएफ बोर्ड जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया और अपना कारोबार फैलाया। बीके बिड़ला ग्रुप में सेंचुरी टेक्सटाइल्स, सेंचुरी एनका और जयश्री टी एंड इंडस्ट्रीज के अलावा केसोराम इंडस्ट्रीज शामिल हैं। बिड़ला कृष्णार्पन चैरिटी ट्रस्ट के भी अध्यक्ष थे, जो राजस्थान के पिलानी में बीके बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी कॉलेज का संचालन करती है।
इकलौत के बेटे की 1995 में हुई थी मौत
बसंत कुमार बिड़ला के इकलौते बेटे आदित्य बिक्रम बिड़ला की वर्ष 1995 में मौत हो गई थी। इनके अलावा बिड़ला के दो बेटियां मंजूश्री खेतान व जयश्री खेतान हैं, जो केरोराम इंडस्ट्रीज और जयश्री टी एंड इंडस्ट्रीज का संचालन करती हैं।