Barmer : पिता का सपना पूरा करने के लिए 250 लोगों को हरिद्वार की तीर्थयात्रा पर ले गए दो भाई
बाड़मेर, 7 अप्रैल। कहते हैं कि पिता के सपनों को उसके वो ही बेटे या बेटियां साकार कर पाते हैं जिनमें जज़्बा हो पिता के पदचिन्हों पर चलने का। ऐसा ही कुछ नजर आया भारत पाकिस्तान सीमा पर बसे बाड़मेर में। सरहदी बाड़मेर में दो भाइयों ने अपने पिता के सपने को साकार करने के लिए सैकड़ों लोगों को देवभूमि हरिद्वार की यात्रा के लिए गुरुवार को रवानगी ली।
सुबह विशेष ट्रेन देवभूमि के लिए रवाना हुई
बाड़मेर के दो भाइयों ने सैकड़ों लोगों को इस यात्रा में शामिल किया। सुबह विशेष ट्रेन देवभूमि के लिए रवाना हुई तो लोगो का उत्साह देखते बना। यूं बाड़मेर से ऋषिकेश के लिए यह ट्रेन रवानगी तो हमेशा लेती है, लेकिन गुरुवार को इस ट्रेन की रवानगी से पहले बाड़मेर रेलवे स्टेशन पर खास चहल पहल दिखी। उसकी वजह थी एक पिता के सपने को साकार करने का दो भाइयों का मानस जो धरा पर उतरता नजर आया।
अपनी बात को पूरा करने से पहले दुनिया से विदा ले गए
दरअसल, बाड़मेर के उद्यमी तनसिंह चौहान ने अपने गांव के लोगों को ऋषिकेश और हरिद्वार की यात्रा करवाने की बात कही थी, लेकिन चौहान अपनी बात को पूरा करने से पहले दुनिया से विदा ले गए। तनसिंह चौहान के उस सपने को उनके दोनों बेटे जोगेंद्र सिंह चौहान और राजेंद्र सिंह चौहान ने पूरा करने का बीड़ा उठाया। अपने गांव और आसपास के गांवो के लोगों से मंत्रणा की।
250 लोगों को हरिद्वार के लिए रवाना किया गया
देवभूमि की यात्रा के लिए लोगों की सूची तैयार की गई और उसमें से 250 लोगों को हरिद्वार के लिए रवाना किया गया। इस यात्रा में शरीक होने वाले लोगों को मुताबिक इस तरह की यात्रा में हिस्सेदार बनकर बेहद रोमांचित है। बाड़मेर से निकला यह जत्था बाड़मेर से बीकानेर, चंडीगढ़ होते हुए हरिद्वार पहुंचेगा। हरिद्वार के बाद ऋषिकेश भी इस जत्थे का पड़ाव रहेगा। यात्रियों को रवाना करने के लिए बाड़मेर जिला प्रमुख महेंद्र चौधरी और बाड़मेर नगर परिषद सभापति दिलीप माली भी पहुंचे।
पसी पर भव्य जागरण का भी आयोजन किया जाएगा
अपने पिता के सपने को साकार करने के लिए एक साथ एक गांव और उसके आसपास के 250 लोगों की इस यात्रा की पूरी जिम्मेदारी दोनों भाइयों ने अपने कंधे पर ली। पूरी यात्रा में जहां रहने, खाने पीने की सारी व्यवस्था की गई है। वहीं, वापसी पर भव्य जागरण का भी आयोजन किया जाएगा। पिता के सपने के पूरा करने जा रहे युवा उद्यमी जोगेंद्र सिंह चौहान ने बताया आगामी 15 अप्रैल को उनके पिता की पुण्यतिथि है और पिता का एक अधूरा सपना था, जिसे पूरा करने का बीड़ा उठाया।
राजस्थान के सबसे बड़े आयकर दाता रह चुके
बाड़मेर में ट्रक ड्राईवर से अपनी यात्रा शुरू करने वाले तनसिंह चौहान राजस्थान के सबसे बड़े आयकर दाता रह चुके हैं। बीमारी की वजह से इस दुनिया को अचानक छोड़कर जाने वाले तनसिंह चौहान के दोनों बेटे अपने पिता की समाजसेवा की परिपाटी को लगातार बढ़ाए हुए है।
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