अशोक गहलोत ने पीएम मोदी से किया आग्रह, राजस्थान में पेंडिंग पड़ी रेल परियोजनाओं को किया जाए शुरू
जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राज्य में रूकी हुई रेलवे परियोजनाओं को फिर से शुरू कराने का आग्रह किया है। मुख्यमंत्री ने गुरुवार को पीएम से ये अनुरोध किया कि राजस्थान की पेंडिंग पड़ी परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जाए और उन्हें जल्द से जल्द शुरू कराया जाए।

PM ने किया डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का उद्घाटन
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के मदा-रेवाड़ खंड का लोकार्पण व इस कॉरिडोर के न्यू अटेली और न्यू किशनगढ़ से 1.5 किलोमीटर लंबी डबल स्टैक कंटेनर रेलगाड़ियों का शुभारंभ किया गया। वर्चुअल रूप से आयोजित इस कार्यक्रम में राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र, हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर व रेलमंत्री पीयूष गोयल सहित अन्य गणमान्य अतिथि मौजूद रहे।
WDFC के उद्घाटन पर बोले अशोक गहलोत
इस दौरान अशोक गहलोत ने कहा कि न्यू रेवाड़ी-न्यू मदार खंड का लगभग 42 प्रतिशत हिस्सा गुजरात से गुजरता है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को नववर्ष की बधाई देते हुए कहा कि देश में रेलवे के विकास में नेहरू की दूरदृष्टि बड़ी वजह रही है। पीएम मोदी द्वारा डब्ल्यूडीएफसी के डिजिटल उद्घाटन के अवसर पर बोलते हुए, गहलोत ने WDFC का रूट राजस्थान से होकर करने के लिए धन्यवाद दिया और परियोजना के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता व्यक्त की।
अशोक गहलोत ने इन परियोजनाओं को फिर से शुरू करने की उठाई मांग
गहलोत ने कहा, "यह एक बड़ी चुनौती है कि दिल्ली-मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर को दिल्ली-मुंबई फ्रेट कॉरिडोर के साथ कैसे बनाया और विकसित किया जाता है।" इस अवसर पर, गहलोत ने यह भी कहा कि राजस्थान में शामिल कई रेलवे परियोजनाओं को मंजूरी दी गई और यहां तक कि शुरू की गई, लेकिन बाद में कुछ कारणों से रुकी रहीं। ऐसे में मेरा पीएम से आग्रह है कि उन परियोजनाओं को प्राथमिकता देते हुए उन्हें फिर से शुरू किया जाए। अशोक गहलोत ने कहा कि हमने प्रधानमंत्री जी से आग्रह किया है कि भिवाड़ी शहर में एक रेलवे स्टेशन बनाया जाए। गहलोत ने कहा कि करौली रेलवे लाइन के माध्यम से सरमथुरा-गंगापुर जैसी परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया, लेकिन वे बंद हो गईं। इसी तरह, टोंक रेलवे लाइन से पुष्कर-मेड़ता रोड रेलवे लाइन और चौथ का बरवाड़ा से अजमेर तक का काम ठप हो गया है।
इसके अलावा बांसवाड़ा-डूंगरपुर-रतलाम परियोजना में 50 प्रतिशत भागीदारी थी, जिससे गुजरात से सटे आदिवासी क्षेत्र को फायदा हुआ। इस परियोजना पर काम शुरू हुआ, लेकिन बाद में किन्हीं कारणों के चलते इसे रोक दिया गया था। मैं प्रधान मंत्री से आग्रह करता हूं कि प्राथमिकता पर उन परियोजनाओं पर काम फिर से शुरू कराया जाए। गहलोत ने कहा, पिछले 40 वर्षों से मुंद्रा-कांडला बंदरगाह को जैसलमेर-बाड़मेर से जोड़ने के लिए एक रेल लाइन की मांग की जा रही है, जो अभी भी अधूरी है।