उद्धव ठाकरे की शिवसेना खेलेगी छत्तीसगढ़ में दांव, चलाएगी स्थानीय बनाम बाहरी का अभियान
छत्तीसगढ़ में शिवसेना ने एक पर्चा जारी किया है ,जिसमे उसने महाराष्ट्र में जिस तर्ज पर अन्य राज्य के लोगों को भगाने के लिए नारा है। "बजाओ पुंगी और भगाओ लुंगी।
Shivsena Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में स्थानीय और बाहरी का मुद्दा तेजी से गर्माता जा रहा है। राज्य में पहले से ही छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना नाम का संगठन इस मामले में प्रखरता से अपनी मौजूदगी दर्ज करता रहा है। वही अब इस विषय को शिवसेना लपकने की तैयारी कर चुकी है। विधानसभा चुनाव से एक साल पहले शिवसेना ने एलान किया है कि वह छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों के हक़ में अभियान चलाएगी।
कांग्रेस शासित राज्य में अचानक सक्रिय हुई शिवसेना
शिवसेना की छत्तीसगढ़ इकाई चुनाव से एक साल पहले अचानक जागृत हो गई है। शिवसेना ने तय किया है कि वह छत्तीसगढ़ में स्थानीय और बाहरी लोगों के मुद्दे को लेकर सड़क पर उतरेगी। यह माना जा रहा है कि आगामी विधानसभा चुनावों में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने के लिए वह राज्य के मूल निवासियों के बीच अपनी जगह बनाने की रणनीति पर काम कर रही है।
"बजाओ पुंगी और भगाओ लुंगी" का नारा
शिवसेना ने अपने लेटर हेड में एक पर्चा जारी किया है ,जिसमे उसने महाराष्ट्र में जिस तर्ज पर अन्य राज्य के लोगों को भगाने के लिए नारा है। "बजाओ पुंगी और भगाओ लुंगी। छत्तीसगढ़ शिवसेना ने कहा है कि वह छत्तीसगढ़िया लोगों के मान-सम्मान और हक अधिकार, संस्कृति, सभ्यता और खानपान, रहन-सहन की रक्षा करने के मकसद से हर गांव में संरक्षण के लिए अभियान चलाएगी । उसने कहा है कि वह सरकार के नियम के मुताबिक छत्तीसगढ़ के मूल निवासी की जो परिभाषा के तहत ही यह अभियान चलाएगी।
उद्धव ठाकरे की शिवसेना की छत्तीसगढ़ में एंट्री
शिवसेना छत्तीसगढ़ के प्रदेश प्रमुख आनंद सिंह मल्होत्रा ने अपने बयान में कहा कि उद्धव बाला साहेब ठाकरे की शिवसेना की तरफ से छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण को रोकने के लिए भी अभियान शुरू किया जाएगा। मल्होत्रा ने बताया कि शिवसेना बीते 36 सालों छत्तीसगढ़ में सामाजिक और राजनितिक तौर पर काम कर रही है। लेकिन अब मुंबई से जारी पार्टी आलाकमान से मिले निर्देश के मुताबिक काम होंगे।
हिन्दू धर्म में वापसी का भी चलाएगी अभियान
वैसे तो छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी लगातार काम कर रही है,लेकिन अब यह मुद्दा भी चोरी हो चुका है। शिवसेना ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि पार्टी आलाकमान से मिले निर्देश के मुताबिक पूरे छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के खिलाफ आन्दोलन किये जायेंगे और धर्मांतरण का शिकार हुए लोगों को वापस हिन्दू धर्म में लाने के प्रयास किये जायेंगे। जिस प्रकार बाला साहब ठाकरे ने मुंबई से बाहरी लोगों को भगाने का अभियान चलाया था। वैसा ही अभियान छत्तीसगढ़ में शुरू किया जायेगा।
कांग्रेस के छत्तीसगढियावाद पर होगा शिवसेना का कब्ज़ा ?
यह भी जानना जरुरी है कि कांग्रेस ने भी 2018 के चुनाव से पहले ठेठ किसान भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाकर उनकी छत्तीसगढ़िया किसान की छवि की भुनाया था। मुख्यमंत्री बनने से पहले से लेकर पद संभालने के बाद भी भूपेश बघेल लगातार छत्तीसगढ़ियावाद के मुद्दे पर सियासत करते आये हैं. सरकार की अधिकांश योजनाओं में स्थानीय संस्कृति और ग्रामीण प्रवेश के संरक्षण के प्रयास शामिल हैं।
छत्तीसगढिया क्रांति सेना पहले से सक्रिय
वहीं छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढिया क्रांति सेना नामक एक संगठन बेहद सक्रिय है। यह संगठन छत्तीसगढ़ की मूल संस्कृति पर ने राज्यों के अतिक्रमण के खिलाफ आंदोलनरत है। राज्य के मूल निवासियों ,जल जंगल जमीन के मुद्दे पर लगातार सक्रिय छत्तीसगढियां क्रांति सेना एक गैरराजनीतिक संगठन है,लेकिन इसकी राजनितिक मामलों में अच्छी कहसि पैठ है। खासकर राज्य के जमीनी इलाकों में इस संगठन का प्रभाव काफी देखा जा रहा है। कुछ दिनों पहले ही हसदेव अरण्य बचाओं आंदोलन के दौरान गिरफ्तार किये गए छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के प्रदेश अध्यक्ष अमित बघेल जेल से रिहा हुए हैं।
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