Republic Day:छत्तीसगढ़ में किसानों ने निकाला ट्रैक्टर मार्च,जमीन पर मुआवजे की कर रहे हैं मांग
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रायपुर ,26 जनवरी। गणतंत्र दिवस पर छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर किसान में आंदोलन कर रहे किसानो ने ट्रैक्टर मार्च निकाला। किसानों के ट्रैक्टर मार्च में133 ट्रैक्टरो में करीब 3000 किसानों ने हिस्सा लिया। किसान नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण समिति की तरफ से बताया गया कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर किसान मंच के माध्यम से तिरंगा झण्डा फहराने के साथ ही मंच में स्कूली बच्चों की तरफ से रंगारंग कार्यक्रम की प्रस्तुति भी आयोजित की गई। किसान कल्याण समिति ने बताया कि नवा रायपुर में " ट्रैक्टर मार्च में " निकाले जाने की सूचना शासन प्रशासन को पहले ही दे दी गई थी।
नवा रायपुर (नया रायपुर ) किसान आन्दोलन को लगातार विभिन्न सामाजिक और किसान संगठनो का समर्थन मिल रहा है। भाजपा ने जहाँ किसान आंदोलन का नैतिक समर्थन किया है, वहीं जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़( जोगी कांग्रेस) ने किसानो के आंदोलन का लिखित में समर्थन किया है।यह भी जानना जरुरी है कि हाल ही में 20 जनवरी को किसानों और भूपेश सरकार के बीच बैठक तय की गई थी, लेकिन किसान आंदोलन का कोई भी प्रतिनिधि इस बैठक में नहीं पहुंचा था।
किसान आंदोलन समिति की ओर से यह बात स्पष्ट की गई कि वह सरकार के साथ जल्द से जल्द वार्ता करना चाहते है ,लेकिन उन्हें वार्ता के लिए आमंत्रण लिखित में दिया जाए। आंदोनकारी किसान राज्य सरकार के साथ हर संवाद लिखत में चाहते हैं। किसानों का कहना है कि पूर्व में भी छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्रियों की तरफ से किसानों को वार्ता के लिए बुलाया जा चुका है,लेकिन मिलने जाने पर अपमान करते हुए उनसे आने का कारण पूछा जाता है,इसलिये अब किसान हर संवाद लिखित में चाहते है।
क्या हैं किसानों की मांगे।
गौरतलब है की दिल्ली में हुए किसान आंदोलन की तर्ज पर छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर अटल नगर में भी 42 गांव के किसानों ने आंदोलन छेड़ दिया है। करीब 5000 किसान छत्तीसगढ़ सरकार से नया रायपुर के निर्माण के लिए किसानों से ली गई जमीन का बचे हुए मुआवजे की मांग कर रहे हैं। राज्य गठन के बाद 27 गांव की जमीन लेकर नवा रायपुर (नया रायपुर) इलाका विकसित किया गया था। किसान चाहते हैं कि किसानों को जमीन पर चार गुना मुआवजा दिया जाए, हर प्रभावित परिवार को 1200 वर्ग फीट की विकसित जमीन देने के साथ किसान परिवारों के एक बेरोजगार वयस्क को रोजगार दिया जाए। इन्हीं मांगों को लेकर 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले भी एक बड़ा आंदोलन किया जा चुका है, जिसका समर्थन कांग्रेस ने किया था।अब किसान यह वादा याद दिला रहे हैं।