रायपुर में तैयार हो रहा है सांपों का नया घर !
रायपुर, 11 अप्रैल। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के जंगल सफारी को एक नई पहचान मिलने वाली है। अब तक पर्यटक जंगल सफारी में टाइगर समेत अन्य वन्य जीवों को करीब से देखने की इच्छा मन में लिए जाते रहे हैं, लेकिन अब वह जल्द ही जंगली खतरनाक सांपों को देखकर भी रोमांचित हो सकेंगे। दरअसल जंगल सफारी में 500 वर्ग मीटर में एक स्नेक पार्क बनाने की तैयारी पूरी हो चुकी है। जिसमें 15 से अधिक प्रजाति के सांप रखे जायेंगे।
नेशनल जू अथारिटी ने दी सांप पालने की अनुमति
रायपुर के जंगल सफारी में नेशनल जू अथारिटी ने सांप पालने की अनुमति दे दी है। छत्तीसगढ़ के वन विभाग ने सांपों के लिए 500 वर्ग मीटर में फैले दस बाड़ों का निर्माण का काम पूरा कर लिया है। वन विभाग की तरफ से तैयार की गई योजना के मुताबिक इस पूरे क्षेत्र में पायथन के लिए 80 वर्ग मीटर के दो बाड़े और अन्य सांपों के लिए 40 वर्ग मीटर का बाड़ा बनाया गया है।
सांपों को लाने की तैयारी पूरी
सांपों को स्नेक पार्क में लाने के लिए जंगल सफारी प्रबंधन ने गिंडी चेन्नई के अलावा बिलासपुर के कानन पेंडारी जू को चुना है। छत्तीसगढ़ वन संरक्षक प्रधान मुख्य राकेश चतुर्वेदी का कहना है कि छत्तीसगढ़ राज्य में 106 वर्ग किलोमीटर की वन आवरण बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। इसके साथ ही शीघ्र ही गिधवा परसदा, मेरिन फासिल्स पार्क का भूमिपूजन करने के बाद इसकी शुरुआत की जाएगी।
800 एकड़ में फैला है सफारी
मानव निर्मित जंगल "नंदनवन जंगल सफारी" नया रायपुर के सेक्टर -39 में स्थित है। छत्तीसगढ़ का यह नंदनवन जंगल सफारी 800 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है, जहां कई पेड़ पौधों की कई ऐसी प्रजातियां हैं, जो वन्य जीवों को संतुलित जीवन देने के लिए बेहद जरुरी होती हैं। इस वन्य क्षेत्र में 130 एकड़ में फैली 'खांडवा जलाशय' नाम की झील भी है, जो प्रवासी पक्षियों को आकर्षित करती है।
रायपुर के जंगल सफारी में अब तक चार सफारी हैं
शाकाहारी वन्यप्राणी सफारी ( क्षेत्र 30 हेक्टेयर)
भालू सफारी (क्षेत्र 20 हेक्टेयर)
टाइगर सफारी ( क्षेत्र 20 हेक्टेयर)
शेर सफारी ( क्षेत्र 20 हेक्टेयर)
छत्तीसगढ़ में पहले से है नागलोक
छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग के जशपुर में एक ऐसा स्थान है, जिसे लोग नागलोक के नाम से जानते हैं। वैसे तो घने जंगलों से भरे जशपुर के हर इलाके में सांप मिल जाते हैं, लेकिन खासकर फरसाबहार से लेकर तपकरा तक फैले इलाके में बड़ी संख्या में बेहद ही खतरनाक सांप पाए जाते हैं। माना जाता है कि कुदरती तौर पर इस इलाके में वातावरण सांपों के रहने के अनुकूल बना हुआ है, इसलिए बरसों से इस क्षेत्र में करीब 40 प्रजातियों के साधारण और विषैले सांप पाए जाते हैं। छत्तीसगढ़ में हर साल जहरीले सांपों के काटने से मौत जशपुर में ही होती है। कई प्रकार के सांपों की बड़ी तादाद में पाए जाने के कारण जशपुर को नागलोक के नाम से भी जाना जाता है। इसे विडंबना ही कहा जायेगा कि सारी दुनिया में जशपुर के नागलोक की चर्चा होने के बावजूद सालों से यहां स्नेक पार्क बनाये जाने की मांग लंबित है।
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