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छत्तीसगढ़ का एक सरकारी अस्पताल बना मिसाल, आंखों के इलाज में लगी है 35 लोगों की टीम

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रायपुर, 22 सितम्बर। एक सरकारी अस्पताल इन दिनों निजी अस्पतालों को टक्कर दे रहा है। छत्तीसगढ़ को मोतियाबिंद दृष्टिहीनता मुक्त राज्य बनाने राजधानी रायपुर के निकट माना स्थित सिविल अस्पताल में एक हजार से ज्यादा लोगों के मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया है। मोतियाबिंद के ऑपरेशन और आंखों की जांच के लिए यहां 6 नेत्र सर्जन, एक फिजिशियन,6 नेत्र सहायक अधिकारी और 22 पैरामेडिकल स्टाफ समेत कुल 35 लोगों की टीम काम कर रही है। माना सिविल अस्पताल में सरकारी कार्य दिवसों में सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक नेत्र परीक्षण की सुविधा उपलब्ध है।

2025 तक छत्तीसगढ़ को मोतियाबिंद दृष्टिहीन बनाने का लक्ष्य

2025 तक छत्तीसगढ़ को मोतियाबिंद दृष्टिहीन बनाने का लक्ष्य

छत्तीसगढ़ ने साल -2025 तक छत्तीसगढ़ को मोतियाबिंद दृष्टिहीनता मुक्त राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है। राज्य में मोतियाबिंद पीड़ित 4 लाख लोगों को चिन्हांकित किया गया है। सभी जिलों में इसके ऑपरेशन की शुरूआत भी की जा चुकी है। स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, मितानिनों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की तरफ से दृष्टिदोष रोगियों की लिस्ट तैयार की जा रही है। नेत्र सहायक अधिकारियों के माध्यम से चुने हुए विकासखंडों में तैयार सूची के आधार पर रोगियों की पुष्टि कर मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया जा रहा है ।

90 साल के मरीज का सफल इलाज

90 साल के मरीज का सफल इलाज

माना सिविल अस्पताल में आंखों की जांच, इलाज और ऑपरेशन की बढ़िया सुविधाएं विकसित की गई हैं। यहां मरीजों के लिए 100 बिस्तर उपलब्ध हैं। अस्पताल में अब तक 1000 एक मरीजों के आंखों का सफल ऑपरेशन किया जा चुका है। इनमें से 202 मरीज डायबिटिज और हाइपरटेंशन से भी पीड़ित थे जिसे नियंत्रित करने के बाद ऑपरेशन किया गया। यहां मोतियाबिंद से पीड़ित 90 वर्ष के बुजुर्ग का भी सफल ऑपरेशन किया गया है। अस्पताल में आंखों के उपचार के लिए करीब भविष्य में और भी सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा।

इस तरह होता है इलाज

इस तरह होता है इलाज

अंधत्व निवारण कार्यक्रम के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. सुभाष मिश्रा के कि छत्तीसगढ़ को मोतियाबिंद दृष्टिहीनता मुक्त राज्य बनाने की दिशा में लगातार कोशिश की जा रही हैं। मोतियाबिंद के इलाज की अत्याधुनिक "फेको" तकनीक के माध्यम से पीड़ितों का उपचार किया जा रहा है। ऑपरेशन की इस विधि में आंख में केवल एक बारिक छेद किया जाता है, जिसके जरिए से मोतिया को आंख के अंदर ही घोल दिया जाता है। इस छेद के माध्यम ही फोल्डेबल लेंस को आंख के भीतर प्रत्यारोपित कर दिया जाता है।

अस्पताल में 6 सर्जन

अस्पताल में 6 सर्जन

डॉ. मिश्रा ने बताया कि आंखों की जांच और ऑपरेशन के लिए माना सिविल अस्पताल में अभी 6 सर्जन सहित कुल 35 लोगों की टीम कार्य कर रही है। यहां सोमवार को ग्लाकोमा, गुरूवार को रेटिना और शनिवार को बच्चों में आंख की बीमारी की खास जांच की जाती है।

रेटिना संबंधी समस्याओं के लिए ग्रीन लेज़र की सुविधा भी अस्पताल में उपलब्ध है। माना में रायपुर जिले समेत बाकी जिलों के 22 नेत्र रोगियों का भी ऑपरेशन किया जा चुका है। मरीजों को आवागमन के लिए मुफ्त सुविधा अस्पताल द्वारा उपलब्ध कराई जा रही है। ऑपरेशन के बाद मरीजों के नियमित फॉलो-अप के साथ फ्री दवा और चश्मा भी प्रदान किया जा रहा है।

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English summary
Chhattisgarh: Great work done in government hospital, a team of 35 people is engaged in the treatment of eyes
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