पुलवामा में शहीद जवान की बहन की शादी में CRPF जवान पहुंचे, निभाया भाई का फर्ज
पुलवामा में शहीद जवान की बहन की शादी में CRPF जवान पहुंचे, निभाया भाई का फर्ज
रायबरेली, 15 दिसंबर: साल 1993 में अक्षय कुमार की फिल्म आई थी 'सैनिक'। जिसमें लेफ्टिनेंट सूरज दत्ता (अक्षय कुमार) एक आतंकी हमले में शहीद हो जाता है। जिसके बाद शहीद हुए सूरज दत्ता की बहन की शादी में डोली उठाने दर्जनों भाई (फौजी) पहुंच गए थे और भाई का फर्ज निभाया था। ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले से सामने आया है। दरअसल, रायबरेली जिले का लाला शैलेंद्र प्रताप सिंह 2020 में आतंकियों से लोहा लेते हुए पुलवामा में शहीद हो गए थे। तो वहीं, अब शैलेंद्र की बहन की शादी में भाई का फर्ज निभाने सीआरपीएफ के जवान पहुंच गए। जवानों ने शहीद जवान शैलेंद्र की पहन की शादी में भाइयों की तरह रस्में निभाईं।
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शैलेंद्र पुलवामा में हुआ था शहीद
शैलेंद्र प्रताप सिंह, उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले का रहने वाले थे और सीआरपीएफ की 110वीं बटालियन में तैनात थे। उनकी बटालियन जम्मू-कश्मीर के सोपोर में अपनी सेवा दे रही थी। 5 अक्टूबर 2020 को दक्षिण कश्मीर के पुलवामा के लेथपुर इलाके में आतंकियों से लोहा लेते हुए शैलेंद्र शहीद हो गए थे। शहीद जवान शैलेंद्र की बहन ज्योति सिंह की शादी 13 दिसंबर को प्लीजेंट व्यू मैरिज हाल में थी। इस दौरान वर्दी में सीआरपीएफ के कुछ जवान अचानक से ज्योति की शादी में पहुंच गए। जवान को देखकर आस-पड़ोस के लोग के साथ शैलेंद्र के परिजन भी हैरान हो गए।
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CRPF जवानों ने निभाई भाई की भूमिका
जब शहीद जवान शैलेंद्र की बहन ज्योति की शादी की रस्में शुरू हुई तो इन सभी जवानों ने भाई की भूमिका निभाई। ये देखकर वहां मौजूद कई लोग भावुक हो गए। बहन के साथ जवानों की ये तस्वीरें सोशल मीडिया में वायरल हुई हैं। सीआरपीएफ ने भी इस बारे में एक ट्वीट किया है। अपने ट्वीट में इन जवानों को शौलेंद्र की बहन का 'ब्रदर्स ऑर लाइफ' बताया है। इस ट्वीट में लिखा है,
ब्रदर्स फॉर लाइफ: शहीद जवान शैलेंद्र प्रताप सिंह की बहन के विवाह समारोह में सीआरपीएफ के जवान बड़े भाई के तौर पर शामिल हुए। CRPF की 110 बटालियन में तैनात शैलेंद्र प्रताप सिंह, 05 अक्टूबर 2020 को पुलवामा में एक आतंकवादी हमले के दौरान बहादुरी से जवाबी कार्रवाई करते हुए शहीद हो गए थे।
वर्दी में किए भाई के सारे फर्ज अदा
बता दें, ज्योति की शादी में अपने बेटे के सभी साथियों को शैलेंद्र के पिता ने आमंत्रित किया था। इन जवानों ने यहां वर्दी पहन कर शिरकत की और भाई के सारे फ़र्ज़ अंजाम दिए। शहीद के पिता बेटे की शहादत को याद कर भले रो देते हों, लेकिन बेटी की शादी में वर्दीधारी जवानों की मौजूदगी उन्हें गौरान्वित कर गई। कहते हैं साथी जवानों ने आश्वासन दिया कि हम हर पल आपके साथ हैं। जवानों के वह जुमले भी शहीद के पिता बार बार दोहराते हैं जब उन्होंने कहा था देखिये एक बेटे के बदले हम सब आपके बेटे हैं। जवानों ने केवल शहीद की बहन को अपनी बहन की तरह विदा किया, बल्कि वर वधु को सोने की अंगूठी जैसा कीमती तोहफा भी सौंपा।
मुझे मिल गए कई बेटे: शहीद के पिता नरेंद्र सिंह ने कहा
बता दें, शैलेंद्र के परिवार में उनके पिता नरेंद्र बहादुर सिंह, मां सिया दुलारी सिंह और पत्नी चांदनी के अलावा तीन बहनें हैं। शैलेंद्र का एक 09 साल का बेटा भी है। दो बहनों की शादी पहले ही हो चुकी है। 13 दिसंबर को सबसे छोटी बहन की शादी थी। बता दें, बेटी की शादी के दौरान शैलेंद्र के पिता नरेंद्र बहादुर सिंह ने कहा, "मेरा बेटा अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन सीआरपीएफ ने इन सैनिकों के रूप में मुझे कई बेटे मिल गए हैं, ये सभी सुख और दुख दोनों में हमारे परिवार के साथ खड़े मिलते हैं।"