पंजाब कांग्रेस में बढ़ रही दरार, क्या विधानसभा चुनाव में होगी नैय्या पार ? जानिए क्या है पूरा मामला
चंडीगढ़, अक्टूबर 26, 2021। पंजाब में विधनसभा चुनाव से पहले ही कांग्रेस में घमासन मचा हुआ है, सारी कोशिशें करने के बावजूद भी कांग्रेस आलाकमान अंतरकलह पर वीराम नहीं लगा पा रही है। पंजाब कांग्रेस के नेता आपस में ही एक दूसरे पर हमलावर हैं। हाल ही पूर्व मुख्यमंत्री के पाकिस्तानी दोस्त अरूसा आलम का मुद्दा सुर्खियों में था अभी यह पूरी तरह शांत भी नहीं हुआ कि नवजोत सिंह सिद्धू दोबारा से सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के ख़िलाफ़ हमलावर होते हुए नज़र आ रहे हैं। वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और आनंदपुर साहिब से सांसद मनीष तिवारी भी अपनी ही पार्टी के नेता के खिलाफ बयानबाज़ी कर रहे हैं। इन सब घटनाक्रमों को देखते हुए यही लग रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव से पहले अगर कांग्रेस ने इन मुद्दों को नहीं सुलझाया तो कहीं न कहीं इसका खामियाज़ा पार्टी को भुगतना पड़ सकता है।

नवजोत सिंह सिद्धू के तेवर बरकरार
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू पार्टी आलाकमान की तमाम कोशिशों के बाद भी अपने तेवर बदलने का नाम तक नहीं ले रहे हैं। पिछले दिनों ही नवजोत सिंह सिद्धू ने अपनी ही सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि पंजाब की जनता जिन मुद्दों को पूरा होने का काफ़ी वक़्त से इंतेज़ार कर रही है, मैं सरकार को उन मुद्दों से हटने नहीं दूंगा। सिद्धू ने कहा कि मैं इन मुद्दों को पहले भी उठाता रहा हूं और आगे भी उठा रहूंगा, जब तक ये मुद्दे पूरे नहीं हो जाते मैं संघर्ष करता रहूंगा। राज्य सरकार को लंबित मुद्दे याद दिलाते हुए सिद्धू ने चेताया कि ऐसा न हो कि पंजाब को संवारने का आखिरी मौका भी हम गंवा दें।

पंजाब के लंबित मुद्दों पर दें ध्यान- सिद्धू
अरूसा आलम के मुद्दे को किनारा करते हुए नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब सरकार और उनके मंत्रियों को लंबित मुद्दों पर ध्यान देने की बात कही। गौरतलब है कि डिप्टी सीएम रंधावा के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पाकिस्तानी दोस्ता अरूसा आलम का मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा था कि इस मामले की जांच आईएसआई से करवाई जाएगी जिसके बाद से पंजाब में सियासी घमासान मच गया। इसके बाद ही कैप्टन मौजूदा उपमुख्यमंत्री के रंधावा के खिलाफ सोशल मीडिया पर एक्टिव हो गए। उन्होंने सोनिया गांधी और अरूसा आलम की पुरानी तस्वीर ट्वीटर के ज़रिए शेयर कर दी इसके बाद से पंजाब कांग्रेस के नेताओं ने अरूसा मामले से टू-टर्न ले लिया।

नवजोत कौर सिद्धू ने भी साधा निशाना
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू ने भी अरूसा विवाद पर हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर ज़ुबानी हमला बोला था। इन्हीं सब मामलों के बीच पंजाब कांग्रेस की कलह खत्म कराने की हर मुमकिन कोशिश करने वाले हरीश रावत ने भी पंजाब कांग्रेस प्रभारी के पद से आज़ाद हो गए। सियासी गलियारों में यह हल चल है कि हरीश रावत पंजाब कांग्रेस की कलह पर वीराम लगाने में नाकाम रहे इसलिए उन्होंने पंजाब प्रभारी पद को छोड़ा है। अब हरीश चौधरी को उनकी जगह पंजाब कांग्रेस का प्रभारी बनाया गया है, लेकिन वह भी पंजाब कांग्रेस में मचे घमासान पर क़ाबू पाने में कामयाब नहीं हो पा रहे हैं।

पंजाब कांग्रेस में घोर अराजकता- मनीष तिवारी
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और श्री आनंदपुर साहिब सीट से सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि कांग्रेस की पंजाब इकाई में घोर अराजकता फैल गई है। हरीश रावत पर निशाना साधते हुए उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा "हरीश रावत जी, जब आप कांग्रेस दल के नेता थे तब मैं एनएसयूआई की अगुवाई करता था। मेरे मन में आपके लिए बहुत सम्मान है, क्योंकि आपने मुझे एक साक्षात्कार में संदर्भित किया है। इसलिए बताना चाहूंगा कि 40 साल से ज़्यादा हो गए मैंने कांग्रेस में कभी ऐसी अराजकता नहीं देखी। बीते 5 महीने में पंजाब कांग्रेस बनाम पंजाब कांग्रेस की लड़ाई छिड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने ज्यादा उल्लंघन और विचलन की शिकायत की अफसोस की बात है कि वह लोग ख़ुद भी खराब प्रदर्शन करते रहे हैं। जिस तरह से पार्टी में अराजकता फैली हुई है कहीं न कहीं पंजाब कांग्रेस में मचा सियासी घमासान आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी के लिए चुनौती साबित हो सकती है।
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