1988 रोड रेज मामले में नवजोत सिंह सिद्धू ने किया सरेंडर, कोर्ट ने सुनाई है 1 साल की सजा
पटियाला, मई 20। पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने पटियाला की एक अदालत के समक्ष सरेंडर कर दिया है। आपको बता दें कि अदालत ने 34 साल पुराने रोड रेज के एक मामले में सिद्धू को 1 साल की सजा सुनाई है। कोर्ट का यह आदेश गुरुवार को आया था। कल से ही यह माना जा रहा था कि सिद्धू अगले 24 घंटे के अंदर कोर्ट के सामने सरेंडर हो सकते हैं। वहीं अगर वो सरेंडर नहीं होते तो पंजाब पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने जाती।
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सिद्धू को मेडिकल के लिए ले जाया जाएगा अस्पताल
सिद्धू के सरेंडर करने की जानकारी उनके मीडिया सलाहकार सुरिंदर दल्ला ने दी है। उन्होंने मीडिया को बताया है कि नवजोत सिंह सिद्धू ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने सरेंडर कर दिया है। वह अब न्यायिक हिरासत में है। सुरिंदर ने बताया कि उन्हें अब कोर्ट से एक अस्पताल ले जाया जाएगा, जहां उनका मेडिकल होगा और उसके बाद अन्य कानून प्रक्रियाएं अपनाई जाएंगी।
#WATCH | 1988 road rage case: Congress leader Navjot Singh Sidhu reaches Patiala Court in Punjab.
Supreme Court had yesterday imposed one-year rigorous imprisonment on him in the three-decade-old road rage case. pic.twitter.com/iHu3bmbOls
— ANI (@ANI) May 20, 2022
सिद्धू के कानूनी दांव पेंच हुए फेल
कोर्ट के समक्ष सरेंडर करने से पहले सिद्धू कानूनी दांव पेंच भी चले, लेकिन वो विफल साबित हुए। दरअसल, सिद्धू के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस एएमन खानविलकर की बेंच के सामने सिद्धू की खराब सेहत का हवाला दिया और कहा कि उन्हें सरेंडर करने के लिए थोड़ा वक्त दिया जाए, लेकिन जज ने कहा कि यह मामले विशेष बेंच से जुड़ा हुआ है। इस मामले में मुख्य न्यायाधीश के समक्ष ही अर्जी दाखिल करनी होगी, वो ही इस पर सुनवाई करेंगे।
क्या है पूरा मामला?
आपको बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू से जुड़ा यह मामला साल 1988 का है, जब 27 दिसंबर को पटियाला में कथित तौर पर सिद्धू ने पार्किंग के विवाद में एक 65 साल के बुजुर्ग को पीटा था। इस दौरान सिद्धू मौके से फरार हो गई थे। वहीं पीड़ित बुजुर्ग की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। नवजोत सिंह सिद्धू उस वक्त 25 साल के थे। इस मामले में सिद्धू को 2006 में हाईकोर्ट ने 3 साल की सजा सुनाई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को बदलते हुए सिद्धू को मारपीट का दोषी करार दिया था और सिर्फ 1000 रुपए का जुर्माना लगाया था। अब पीड़ित परिवार ने फिर से पुनर्विचार याचिका सेशन कोर्ट में दाखिल की, जहां सिद्धू को 1 साल की सजा हुई।
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