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पंजाब: प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की बयानबाज़ी से बढ़ी कांग्रेस की टेंशन, निकाले जा रहे सियासी मायने

पंजाब में विधानसभा चुनाव की तारीखों को एलान हो चुका है। एक ओर सभी सियासी पार्टियां चुनावी तैयारियों में जुटी हुईं हैं।

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चंडीगढ़, 22 जनवरी 2022। पंजाब में विधानसभा चुनाव की तारीखों को एलान हो चुका है। एक ओर सभी सियासी पार्टियां चुनावी तैयारियों में जुटी हुईं हैं। वहीं पंजाब कांग्रेस आपसी गुटबाज़ी से ही बाहर नहीं निकल पा रही है। पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू अपनी बयानबाज़ी से पार्टी की मुश्किलें बढ़ाते ही जा रहे हैं। पंजाब में 20 फरवरी को चुनाव होने वाला है, सियासी दलों के पास एक महीने से कम का वक़्त है। इसी के मद्देनज़र राजनीतिक पार्टियां सियासी ज़मीन मज़बूत कर रही हैं। वहीं पंजाब कांग्रेस के प्रधान बाग़ी तेवर बरक़रार है। सियासी गलियारों में नवजोत सिंह सिद्धू की बयानबाज़ी के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।

सिद्धू के मुताबिक नहीं जारी हुई सूची

सिद्धू के मुताबिक नहीं जारी हुई सूची

पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने एक न्यूज़ चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था कि कांग्रेस को सिर्फ़ कांग्रेस ही हरा सकती है। सिद्धू की इस बयानबाज़ी के बाद के बाद अटकलों का बाज़ार गर्म हो गया है। कई तरह के क़यास लगाए जा रहे हैं। पंजाब के सियासी गलियारों में यह चर्चा ज़ोरों पर है कि नवजोत सिंह सिद्धू कांग्रेस की तरफ़ से ख़ुद को सीएम उम्मीदवार घोषित नहीं किए जाने से काफ़ी नाराज़ चल रहे हैं। यही वजह है कि वह तीखी बयानबाज़ी कर पार्टी के साथ प्रेशर पॉलिटिक्स करना चाहते हैं। वहीं दूसरी तरफ़ यह भी ख़बर है कि पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ज़्यादा से ज़्यादा अपने करीबी को टिकट दिलवाना चाहते थे। लेकिन पहली सूची में उनके मुताबिक प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की गई इस वजह से भी वह पार्टी से ख़फ़ा हैं।

मुझे पद की कोई लालसा नहीं है- सिद्धू

मुझे पद की कोई लालसा नहीं है- सिद्धू

पंजाब कांग्रेस ने हाल ही में एक वीडियो शेयर किया था जिसमें सीएम चन्नी को दिखाया गया है। इस वीडियो के । शेयर करने के बाद पंजाब कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं में असंतोष पनपने लगा था। इसके बाद सभी को एकजुट रखने के लिए पार्टी की तरफ़ से एक आधिकारिक बयान भी आया। पार्टी की तरफ़ से बयान में यह कहा गया कि चुनाव संयुक्त रूप से लड़ा जाएगा और विधायक दल की बैठक के बाद ही कांग्रेस सीएम का चयन करेगी। ग़ौरतलब है कि नवजोत सिंह सिद्धू ने एक बयान में कहा कि अगर कांग्रेस एकजुटता दिखाती है तो पंजाब में उसे जीतने से कोई नहीं रोक सकता है। उन्होंने कहा कि उन्हें पद की कोई लालसा नहीं है, वह पंजाब की भलाई के लिए काम कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने किसी भी तरह के मतभेद की बात से भी इनकार कर दिया।

अपनी ही पार्टी से नाराज़ चल रहे हैं सिद्धू

अपनी ही पार्टी से नाराज़ चल रहे हैं सिद्धू

पंजाब कांग्रेस के सूत्रों की मानें तो नवजोत सिंह सिद्धू चाहते हैं कि ज़्यादा से ज़्यादा टिकट उनके करीबी उम्मीदवारों को मिले। ताकि अगर कांग्रेस पार्टी दोबारा से सत्ता में आती है तो विधायक दल की बैठक में सीएम प्रोजेक्ट करने लिए उनके हक़ में ज्यादा विधायक रहें। अगर पार्टी उनके प्रत्याशियों को टिकट नहीं देती है तो वह अपने उम्मीदवारों को निर्दलीय भी चुनावी मैदान में उतार सकते हैं। पंजाब में सीएम उम्मीदवार के लिए राहुल गांधी के क़रीबी निखिल अलवा जो सर्वे किया था। इस बात से भी पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू नाराज़ चल रहे हैं। क्योंकि उन्हें लग रहा है कि पार्टी बार-बार उन्हें नीचा दिखाने की कोशिश कर रही है। पहले वीडियो जारी किया गया फिर सर्वे करवाया गया इससे जनता में यह संदेश जा रहा है कि पंजाब कांग्रेस में सिद्धू को तरजीह नहीं दी जा रही है। इन सब बातों को देखते हुए नवजोत सिंह सिद्धू पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं।


ये भी पढ़ें: पंजाब विधानसभा चुनाव: कांग्रेस के मैनिफेस्टो को लेकर कांग्रेस नेताओं की एक राय नहीं, जानिए क्या है पूरा मामला

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English summary
Congress tension increased due to rhetoric of Navjot Singh Sidhu
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