सुरक्षा मुद्दे को लेकर पंजाब में गरमाई सियासत, केंद्र सरकार के साथ कैप्टन भी कांग्रेसियों के निशाने पर
पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले पंजाब कांग्रेस की मुश्किलें ख़त्म होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। अंदुरूनी कलह से जूझ रही पंजाब की कांग्रेस सरकार के सामने एक और मुश्किल आ खड़ी हुई है।
चंडीगढ़,अक्टूबर
14,
2021।
पंजाब
विधानसभा
चुनाव
से
पहले
पंजाब
कांग्रेस
की
मुश्किलें
ख़त्म
होने
का
नाम
ही
नहीं
ले
रही
हैं।
अंदुरूनी
कलह
से
जूझ
रही
पंजाब
की
कांग्रेस
सरकार
के
सामने
एक
और
मुश्किल
आ
खड़ी
हुई
है।
बीएसएफ
के
बढ़े
अधिकार
क्षेत्र
को
लेकर
अब
पंजाब
में
सियासत
शुरू
हो
गई
है।
कांग्रेस
एक
बार
फिर
इस
मुद्दे
पर
दो
धड़ों
में
बंटती
हुई
नज़र
आ
रही
है।
ट्वीट
के
ज़रिए
सुनिल
जाखड़
ने
इस
मुद्दे
पर
अपने
सरकार
को
घेरा
वहीं
कैप्टन
अमरिंदर
सिंह
ने
इस
फ़ैसले
का
स्वागत
किया।
कांग्रेस
के
कई
वरिष्ठ
नेता
बीएसएफ़
के
बढ़े
अधिकार
क्षेत्र
के
फ़ैसले
के
पीछे
पंजाब
के
पूर्व
मुख्यमंत्री
कैप्टन
अमरिंदर
सिंह
का
हाथ
मान
रहे
हैं।
पंजाब
सरकार
में
कैबिनेट
मंत्री
परगट
सिंह
और
विजय
इंदर
सिंगला
ने
इस
बाबत
प्रेस
वार्ता
की।
उन्होंने
केंद्र
सरकार
पर
हमला
बोलते
हुए
कैप्टन
अमरिंदर
सिंह
पर
भी
निशाना
साधा।
कैप्टन पर ज़ुबानी हमला
परगट सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार से मिलकर कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब के ख़िलाफ़ सब कुछ करवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली जाकर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दो बार भारतीय जनता पार्टी के नेताओं से मुलाक़ात की है।उन्होंने पहले 10 दिनों के लिए किसानों की धान की फ़सल खरीद को रुकवा दिया। अब कैप्टन ही पंजाब की इस बड़ी मुसीबत के लिए भी जिम्मेदार हैं। परगट सिंह ने भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसा लगता है पंजाब में डर का माहौल बनाना चाहती है। आगामी विधानसभा चुनाव और 2024 लोकसभा चुनावों में भाजपा सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ कर वोटों का पोलराइजेशन करने की साजिश रच रही है।
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केंद्र सरकार पर निशाना
परगट सिंह ने कहा कि पंजाब के नेताओं की सुरक्षा के लिए सेंट्रल फोर्स को लगाया जा सकता है। पंजाब सरकार ही सचिवालय, दफ्तरों की सुरक्षा समेत जेलों की सुरक्षा के लिए भी सेंट्रल फोर्स की तैनाती करवाती है। वहीं परगट सिंह से जब बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ने से क्या परेशानी है का सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जेलों और सरकारी दफ्तरों की सुरक्षा अलग मुद्दा है। वहां पर जान-पहचान के लोगों का कोई फायदा नहीं उठा सकता है। अंदर आने से रोकने के लिए पंजाब पुलिस की बजाय केंद्रीय फोर्सेज को लगाया जाता है। वहीं पंजाब सरकार के कैबिनेट मंत्री विजय इंदर सिंगला ने भी बीजेपी पर डर का माहौल बनाने की कोशिश करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इसी डर के माहौल से धुव्रीकरण की सियासत पंजाब में हावी हो सकती है।
जाखड़ ने किया CM चन्नी से सवाल
आपको बता दें की सीएम चन्नी ने पांच अक्तूबर को केंद्रीय गृह मंत्री से मुलाकात के दौरान पंजाब में भारत-पाक सीमा को सील करने का आग्रह किया था। एक हफ्ते बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को 50 किमी क्षेत्र में गिरफ्तारी, जब्ती और तलाशी के लिए बढ़ा दिया है। पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान सुनील जाखड़ ने सीएम चन्नी से इस बाबत सवाल भी किया। सुनील जाखड़ ने ट्वीटर के ज़रिए सीएम चन्नी को संबोधित करते हुए लिखा- आपने क्या पूछा है सावधान रहें! क्या चरणजीत चन्नी ने अनजाने में पंजाब का आधा हिस्सा केंद्र सरकार को सौंप दिया है। कुल 50,000 वर्ग किमी में से 25,000 वर्ग किमी अब बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में रखा गया है। पंजाब पुलिस स्तब्ध है। क्या हम अब भी राज्यों के लिए अधिक स्वायत्तता चाहते हैं?
कैप्टन ने किया फ़ैसले का स्वागत
केंद्र के फैसले का समर्थन करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्वीट कर लिखा कि हमारे सैनिक कश्मीर में मारे जा रहे हैं। हम देख रहे हैं कि पाकिस्तान समर्थित आतंकियों द्वारा पंजाब में ज़्यादा से ज़्यादा हथियार और ड्रग्स पहुंचाए जा रहे हैं। बीएसएफ की बढ़े अधिकारिक क्षेत्र से हमें मज़बूती मिलेगी। हमें केंद्रीय सुरक्षा बलों को सियासत में नहीं घसीटना चाहिए। वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी ने भी ट्वीटर के ज़रिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को टैग करते हुए लिखा कि "मैं अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के साथ 50 किमी के क्षेत्र में बीएसएफ को अतिरिक्त अधिकार देने के भारत सरकार के एकतरफा फैसले की कड़ी निंदा करता हूं, जो संघवाद पर सीधा हमला है। मैं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस असंगत निर्णय को तुरंत वापस लेने का आग्रह करता हूं"
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