पंजाब: कैप्टन के बाद अब चढ़ूनी का बड़ा दांव, सियासी दलों के बिगड़ सकते हैं बने बनाए समीकरण
वन इंडिया हिंदी से बात करते हुए उन्होंने बताया कि जल्द ही वह अपनी नई पार्टी की घोषणा करेंगे। उनकी पार्टी से किसानों को उम्मीदवार बनाया जाएगा और पंजाब की सभी विधानसभा सीटों पर उनकी पार्टी के उम्मादवार उतारे जाएंगे।
चंडीगढ़,
अक्टूबर
25,
2021।
पंजाब
में
विधानसभा
चुनाव
को
लेकर
सियासी
रण
तैयार
हो
चुका
है,
पूर्व
मुख्यमंत्री
कैप्टन
अमरिंदर
सिंह
के
बाद
अब
भारतीय
किसान
यूनियन
के
नेता
गुरनाम
सिंह
चढ़ूनी
ने
अपनी
सियासी
पार्टी
बनाने
के
संकेत
दिए
हैं।
वन
इंडिया
हिंदी
से
बात
करते
हुए
उन्होंने
बताया
कि
जल्द
ही
वह
अपनी
नई
पार्टी
की
घोषणा
करेंगे।
उनकी
पार्टी
से
किसानों
को
उम्मीदवार
बनाया
जाएगा
और
पंजाब
की
सभी
विधानसभा
सीटों
पर
उनकी
पार्टी
के
उम्मादवार
उतारे
जाएंगे।
गुरनाम
सिंह
चढ़ूनी
ने
कहा
कि
पार्टी
बनाने
के
लिए
राय
शुमारी
की
जा
रही।
ग़ौरतलब
है
कि
वह
पहले
भी
मिशन
का
ऐलान
कर
चुके
हैं।
अब
नई
सियासी
पार्टी
बनाकर
सियासत
में
किसानों
की
हिस्सेदारी
सुनिश्चित
करने
की
तैयारी
कर
रहे
हैं।
'कॉर्पोरेट घराने देश पर राज कर रहे हैं'
भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि हरियाणा के सिरसा में ऐलनाबाद उपचुनाव में भी संयुक्त किसान मोर्चा को अपने उम्मीदवार उतारने चाहिए थे। सियासत में सक्रिय होने के संकेत देते हुए किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि बिना राज के धर्म भी नहीं चल सकता है, हम लोग तो फिर भी आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज ये हालात हो चुके हैं कि वोट होने के बावजूद पार्टी सत्ता में नहीं है। जिनके पास वोट नहीं है वह सत्ता चला रहे हैं। किसानों के पास वोट है लेकिन फिर भी वह अपनी हक़ की लड़ाई लड रहे हैं, सड़कों पर आंदोलन करते हुए डंडे खाने के लिए मजबूर हैं। वहीं उन्होंने कहा कि कॉर्पोरेट घराने देश पर राज कर रहे हैं जबकि उनकी पास कोई वोट नहीं है।
'हमने विधानसभा और संसद में डाकू बैठा दिए हैं'
गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि किसान आंदोलन को मज़बूत करने के लिए किसानों को सियासी रण में भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए। ऐलनाबाद उपचुनाव में भी संयुक्त किसान मोर्चा को अपना उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारना चाहिए था। उन्होंने कहा कि विधानसभा और संसद में आम जनता पहुंचेगी तब ही हालात बदलेंगे। हमने विधानसभा और संसद में डाकू बैठा दिए हैं जो देश को लूट रहे हैं। किसान आंदोलन सिर्फ़ आंदोलन नहीं बल्कि धर्मयुद्ध है अफ़सोस की बात है कि किसान आंदोलन भी गुटबाज़ी की भेंट चढ़ रहा है। चढ़ुनी ने कहा कि बदकिस्मती ये है कि लोग जंगी घोड़े को नापसंद कर दरबारी घोड़ों को ज्यादा पसंद करते हैं।
किसान आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश
गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि केंद्र सरकार के कृषि कानूनों को वापस लेने तक किसान संघर्ष करेंगे। किसानों के आंदोलन को बदनाम करने वाली केंद्र सरकार की चाल को नाकाम किया जाएगा। सिंघु बॉर्डर पर लखबीर सिंह की हत्या की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। यह मामला भारतीय जनता पार्टी और खुफिया एजेंसियों से जुड़ा हुआ है। सोची-समझी साजिश के तहत इस घटना को अंजाम दिया गया है। उन्होंने कहा कि लक्खा सिधाना के साथ पंजाब के युवा जुड़े हुए हैं लेकिन उन सभी लोगों में अनुशासन की कमी है। दिल्ली में पिछले दिनों हरियाणा के निहंग नवीन संधू को लेकर लक्खा सिधाना की तरफ़ से बयानबाज़ी की गई। इन मामलों की पूरी चांज पड़ताल होने के बाद बयानबाज़ी करनी चाहिए ।
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