कैप्टन अमरिंदर का कांग्रेस आलाकमान पर एक और हमला, बोले- लोग मेरी सरकार से खुश लेकिन...
चंडीगढ़, 18 सितंबर: कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस आलाकमान और पार्टी के दूसरे नेताओं पर हमलावर हैं। शनिवार शाम को चंडीगढ़ में उन्होंने राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। इस्तीफा देने के बाद राजभवन के सामने प्रेस वार्ता में करते हुए उन्होंने पार्टी आलाकमान और सिद्धू को निशाने पर लिया। इसके बाद उनके मीडिया सलाहकार ने एक बयान जारी किया है, जिसमें कैप्टन ने पार्टी आलाकमान और नेताओं पर जमकर भड़ास निकाली है।
पार्टी के फैसले को समझ नहीं पा रहा हूं
कैप्टन अमरिंदर सिंह के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने उनका एक बयान ट्वीट किया है। इसमें कैप्टन ने कहा है, मैं कांग्रेस आलाकमान के फैसले को समझ नहीं पा रहा हूं। कांग्रेस ने 2017 के बाद से पंजाब में सभी चुनाव जीते हैं। पंजाब के लोग स्पष्ट रूप से मेरी सरकार से खुश थे लेकिन पार्टी नेताओं ने अपनी नाक कटाकर चेहरा बिगाड़ लिया है। 2022 के विधानसभा चुनाव में हम बहुत मजबूत थे लेकिन अब हम जीत से हारने की स्थिति में आ गए हैं।
कांग्रेस आलाकमान कैप्टन के निशाने पर
इस्तीफे के बाद कैप्टन ने कांग्रेस आलाकमान पर बरसते हुए कहा, पिछले कुछ महीनों में तीसरी बार ये हुआ कि विधायकों को दिल्ली में बुलाया गया। फिर पंजाब में बुलाए गए और आज फिर बैठक बुलाई। मेरे खिलाफ लगातार साजिश की गई। जिस तरीके से चीजें हुई हैं, उससे मैं अपमानित महसूस कर रहा हूं। कांग्रेस आलाकमान ये समझे कि मैं सरकार नहीं चला पाया या जो ठीक लगे समझे लेकिन इस सबसे मैंने खुद को अपमानित महसूस किया।
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सिद्धू के सिर पर बताया पाकिस्तान का हाथ
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू पर भी जमकर भड़ास निकाली है, जिनके साथ उनकी लंबी समय से खटपट चल रही थी। कैप्टन ने कहा, कांग्रेस अगर सिद्धू को पंजाब का मुख्यमंत्री बनाती है तो मैं इसका विरोध करूंगा क्योंकि ये राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है। मैं जानता हूं पाकिस्तान के साथ नवजोत सिंह सिद्धू के क्या संबंध है। पाकिस्तान का प्रधानमंत्री इसका दोस्त है, जनरल बाजवा के साथ इसकी दोस्ती है। रोज हमारे कश्मीर में जवान मारे जा रहे हैं। ऐसे में मैं सिद्धू के नाम को स्वीकार नहीं करूंगा। उन्होंने ये भी कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू मेरा मंत्री था और उसे निकालना पड़ा। 7 महीने तक अपनी फाइलें क्लियर नहीं की। क्या इस तरह का व्यक्ति जो एक विभाग नहीं संभाल सकता वो एक राज्य संभाल सकता है।