पंजाब के चुनाव में कैसे हिस्सा ले रही है बसपा, किससे होगा गठबंधन? पार्टी प्रभारी ने बताईं ये बातें
चंडीगढ़। पंजाब चुनाव की आहट सुनाई देने लगी है। ऐसे में सत्तारूढ़ कांग्रेस समेत शिअद, भाजपा, संयुक्त समाज मोर्चा और बहुजन समान पार्टी (बसपा) आदि पार्टियां अपने-अपने स्तर पर जुट गई हैं। इनमें बसपा की सुप्रीमो मायावती वो नेता हैं, जिन्होंने अभी रैलियां नहीं की हैं। हालांकि, बसपा के पंजाब प्रभारी रणधीर सिंह बेनीवाल का कहना है कि, उनकी दलितों पर खासी पकड़ है। बेनीवाल ने चुनावी तैयारियों पर कहा कि, बसपा शिअद से समझौते के अनुरूप मैदान में होगी।
बसपा
ने
कहा-
हमें
मिलेगा
दलितों
का
समर्थन
रणधीर
बेनीवाल
ने
कहा
कि
पंजाब
में
कांग्रेस
द्वारा
बनाए
गए
नए
मुख्यमंत्री
चरणजीत
सिंह
चन्नी
बेशक
लोकप्रिय
हैं..लेकिन
बसपा
का
जनाधार
पहले
से
ही
काफी
ज्यादा
है।
बकौल
बेनीवाल,
चन्नी
को
कुछ
माह
के
लिए
कांग्रेस
ने
मुख्यमंत्री
बनाकर
दलितों
को
समर्थन
हासिल
करने
की
कोशिश
की
है,
और
यह
मुख्यमंत्री
बेशक
दलित
वर्ग
से
संबंध
रखते
हैं,
मगर
इसलिए
कुछ
कांग्रेस
के
नेता
भी
उन्हें
दिल
से
स्वीकार
नहीं
कर
पा
रहे
हैं।
बसपा
के
दो
प्रत्याशियों
में
होगा
बदलाव,
22
को
बड़ा
ऐलान
बहुजन
समान
पार्टी
(बसपा)
के
पंजाब
प्रभारी
रणधीर
सिंह
बेनीवाल
ने
कहा
कि,
हमारी
पार्टी
की
परंपरा
है
कि
आदर्श
चुनाव
आचार
संहिता
लागू
होने
तक
उम्मीदवार
घोषित
नहीं
करती।
माना
जा
रहा
है
कि,
बहुजन
समान
पार्टी
(बसपा)
राज्य
में
शिअद
से
समझौते
के
तहत
20
सीटों
पर
उम्मीदवार
खड़े
करेगी।
इस
बारे
में
पंजाब
प्रभारी
रणधीर
सिंह
बेनीवाल
ने
कहा
कि,
इस
पर
अंतिम
फैसला
21
जनवरी
को
लिया
जाएगा
और
फिर
उसके
अगले
दिन
22
जनवरी
को
अंतिम
सूची
जारी
कर
दी
जाएगी।
उन्होंने
जोर
देकर
कहा
कि,
हमारी
पार्टी
में
टिकटों
के
लिए
किसी
तरह
का
लेन-देन
नहीं
होता।
पंजाब
में
117
है
सीटों
का
कुल
आंकड़ा
इस
राज्य
में
कुल
117
विधानसभा
सीटें
हैं।
पिछली
बार
यहां
कांग्रेस
ने
सभी
सीटों
पर
चुनाव
लड़ा।
वहीं,
आम
आदमी
पार्टी
ने
112
सीटों
पर
चुनाव
लड़ा।
लोकइंसाफ
पार्टी
ने
5
सीटों
पर
चुनाव
लड़ा
और
उसे
2
सीटों
पर
जीत
मिली।
शिअद
ने
94
सीटों
पर
चुनाव
लड़ा
था,
उसे
15
सीटें
मिलीं।
इसके
अलावा
भाजपा
की
यहां
करारी
हार
हुई।
भाजपा
के
प्रत्याशी
23
सीटों
पर
चुनाव
लड़े
थे।
3
सीटों
पर
जीत
मिली।
बसपा
को
2017
के
चुनाव
में
1.5%
वोट
मिले।