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RCP सिंह का टिकट काटने के पीछे क्या है नीतीश की प्लानिंग? BJP को दिया ये 'सख्त इशारा'

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पटना, 30 मई: जनता दल (यूनाइटेड) ने रविवार को राज्यसभा के लिए आरसीपी सिंह की जगह खीरू महतो को भेजने का फैसला किया। इसे सीएम नीतीश कुमार का मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है। दरअसल, राज्यसभा का टिकट कटने के बाद अब रामचंद्र प्रसाद सिंह उर्फ आरसीपी सिंह से केंद्रीय मंत्री का पद छिनना तय हो गया है। बता दें, आरसीपी सिंह फिलहाल स्टील मंत्री हैं। वह तब तक बीजेपी से उन्हें राज्यसभा भेजने के लिए नहीं कह सकते, जब तक वह केंद्रीय मंत्रीमंडल से इस्तीफा नहीं दे देते। आरसीपी सिंह मोदी कैबिनेट में जदयू कोटे से एकमात्र मंत्री थे। आरसीपी सिंह को हटाने का फैसला जदयू नेताओं के बीच अंदरूनी कलह की ओर इशारा करता है। सिंह कभी नीतीश कुमार के करीबी सहयोगी थे।

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Rajya Sabha Election: Nitish Kumar ने RCP Singh का काटा टिकट, BJP को क्यों लगा झटका | वनइंडिया हिंदी
नीतीश ने सिंह को दो बार भेजा राज्यसभा, पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बनाया

नीतीश ने सिंह को दो बार भेजा राज्यसभा, पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बनाया

पूर्व आईएएस अधिकारी आरसीपी सिंह नीतीश कुमार के रेलमंत्री रहते हुए उनके करीब आए। जेडीयू में शामिल होने के साथ ही आरसीपी सिंह का कद लगातार तेजी से बढ़ता गया। नीतीश कुमार ने आसीपी सिंह को ना केवल दो बार राज्यसभा भेजा, बल्कि उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष तक बनाया। इसके बाद जब नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार में मंत्री बनाने का सवाल आया तो भी सिंह को ही मौका दिया गया।

केंद्र में मंत्री पद के लिए RCP सिंह ने खुद का ही नाम किया आगे

केंद्र में मंत्री पद के लिए RCP सिंह ने खुद का ही नाम किया आगे

आसीपी सिंह पर बिहार की राजनीति में हेलिकॉप्टर लैंडिंग का आरोप लगता रहा है। पार्टी के कार्यकर्ता ही उनपर कई बार आरोप लगा चुके हैं कि वह ब्यूरोक्रेट्स की तरह पार्टी को संचालित करने की कोशिश करते रहे। ऐसे में नीतीश कुमार ने सिंह को पद से हटा दिया था। जेडीयू अध्यक्ष के तौर पर केंद्र में मंत्री पद पाने की बात आई तो आसीपी सिंह ने खुद का नाम ही सबसे आगे कर दिया।

नीतीश कुमार ने दिया था निराशा का स्पष्ट संदेश

नीतीश कुमार ने दिया था निराशा का स्पष्ट संदेश

इसके बाद नीतीश कुमार की ओर से कोई सार्वजनिक बधाई संदेश नहीं आया। न ही वह अपने सहयोगी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने इसे नीतीश कुमार की निराशा का आरसीपी सिंह को एक स्पष्ट संदेश के रूप में देखा। सिंह पर ये भी आरोप लगा कि उन्होंने पटना आगमन पर अपने स्वागत में लगे पोस्टर बैनर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तस्वीर तक छोटी करवा दी।

'अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे'

'अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे'

आरसीपी सिंह को हटाने के जद (यू) के फैसले को भी भाजपा के लिए एक संदेश के रूप में देखा जा रहा है। दोनों सहयोगी जो 1995 से एक छोटे से ब्रेक के बाद 2014 को छोड़कर एक साथ रहे हैं, एक कठिन दौर से गुजर रहे हैं। नीतीश कुमार ने जाति जनगणना के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया है, जिससे भाजपा गहरी बेचैनी में है। यह जाति जनगणना को एक विभाजनकारी उपकरण के रूप में देखता है, जो जाति के आधार पर उसके संयुक्त हिंदुत्व वोट को बांट सकता है। इस बीच जद (यू) ने स्पष्ट किया है कि अगर भाजपा केंद्रीय मंत्रिमंडल में अपनी स्थिति बनाए रखने के लिए आरसीपी सिंह को कहीं और से फिर से टिकट देती है, तो दोनों सहयोगियों को साथ रखना मुश्किल होगा। जद (यू) के एक शीर्ष सांसद ने कहा, "हम सहिष्णु रहे हैं, लेकिन हम किसी का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे।"

 JDU से केंद्रीय मंत्री RPC सिंह का कटा पत्ता , खिरू महतो को इस बार राज्यसभा भेजेगी पार्टी JDU से केंद्रीय मंत्री RPC सिंह का कटा पत्ता , खिरू महतो को इस बार राज्यसभा भेजेगी पार्टी

English summary
rajya sabha election 2022 What is Nitish kumar planning behind cutting RCP Singh ticket
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