विधानसभा परिसर में इलेक्ट्रिक बस ड्राइवर ने खोया कंट्रोल, विपक्षियों ने उठाया सीएम नीतीश और बहाली पर सवाल
पटना। बिहार के परिवहन विभाग ने मंगलवार से 12 इलेक्ट्रिक बसों का परिचालन शुरू कर दिया है। पटना के अंदर कई महत्वपूर्ण जगहों तक इन बसों के जरिए आवाजाही की शुरुआत हुई है। ये बसें पटना को मुजफ्फरपुर और राजगीर से भी जोड़ेंगी। इन बसों की खासियत यह है कि इसको एक बार चार्ज करने के बाद इससे 250 किलोमीटर की यात्रा हो सकेगी। पटना, मुजफ्फरपुर और राजगीर में ऐसे प्वाइंट बनाए गए हैं जहां इन बसों को चार्ज करने की सुविधा होगी। मंगलवार को इन बसों की शुरुआत एक ऐसे हादसे से हुई जिसने विपक्षियों को सीएम नीतीश पर हमला बोलने का मौका दे दिया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को इलेक्ट्रिक बसों के परिचालन का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री खुद इलेक्ट्रिक बस में बैठकर विधानसभा परिसर में पहुंचे। उन्होंने इन बसों की तारीफ करते हुए यह भी कहा कि इनको चलाने के लिए ड्राइवरों को खास ट्रेनिंग दी गई है। वहीं इलेक्ट्रिक बस विधानसभा परिसर में गोलबंर के पास मोड़ काटते समय अंदर की रेलिंग से टकरा गई। ड्राइवर का बस पर कंट्रोल नहीं रहा और उसकी टक्कर से विधानसभा परिसर में दीवार क्षतिग्रस्त हो गई। इस हादसे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षियों के निशाने पर आ गए।
कांग्रेस ने कहा कि बस को विधानसभा परिसर में लाने की जरूरत ही क्या थी? कांग्रेस पार्षद प्रेमचंद मिश्रा ने इस घटना के बाद सीएम नीतीश की आलोचना करते हुए कहा कि हादसे ने ड्राइवरों की बहाली पर सवाल खड़ा कर दिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को 12 इलेक्ट्रिक बसों और 72 डीजल बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने कहा कि इसी महीने अन्य बसें भी आ जाएंगी और कुल 25 इलेक्ट्रिक बसों का प्रदेश के अन्य जिलों में परिचालन किया जाएगा। यह भी कहा कि इलेक्ट्रिक बसों से लोगों को राहत मिलेगी क्योंकि पेट्रोल और डीजल लगातार महंगे हो रहे हैं।