Bihar : शराबबंदी की फिर खुली पोल, शराबियों ने डीएसपी पति-पत्नी समेत पूरे नर्सिंग होम को बनाया निशाना
बिहार के पटना में दबंगो के हौसले इतने बुलंद है कि शराब के नशे में धुत्त एक नीजी नर्सिंग होम में घुसकर दबंगो द्वारा जमकर मारपीट और तोड़फोड़ की गई।
बिहार के पटना में दबंगो के हौसले इतने बुलंद है कि शराब के नशे में धुत्त एक नीजी नर्सिंग होम में घुसकर दबंगो द्वारा जमकर मारपीट और तोड़फोड़ की गई। नर्सिंग होम की गलती बस इतनी थी कि उन्होंने इन दबंगो द्वारा पीटे जा रहे डीएसपी पति-पत्नी को बचाने के लिए शरण दे दी थी। जानकारी अनुसार कुछ आसामाजिक तत्व सड़क पर शराब पीकर हंगामा कर रहे थे जिसपर डीएसपी पति-पत्नी ने उन्हें टोक दिया था। शराबियों को यह बात बुरी लग गई और देखते ही देखते पूरा इलाका मानो एक जंग का मैदान बन गया। इस पूरी घटना का सीसीटीवी फुटेज भी नर्सिंग होम में लगे कैमरे में कैद हो गया है।
डीएसपी पति-पत्नी को बचाने की मिली सजा
दरअसल,
पूरी
घटना
पटना
एम्स
के
पास
कि
है,
जहां
एक
निजी
नर्सिंग
होम
में
आसामाजिक
तत्वों
द्वारा
जमकर
मारपीट
और
तोड़फोड़
का
मामला
सामने
आया
है।
जिसकी
सीसीटीवी
तस्वीर
भी
नर्सिंग
होम
में
लगे
कैमरे
में
कैद
हो
गई
है।
सीसीटीवी
फुटेज
में
साफ़
देखा
जा
सकता
है
कि
बाहर
से
कुछ
लोग
आते
हैं
और
बड़े-बड़े
ईंट
पत्थर
से
नर्सिंग
होम
पर
हमला
कर
देते
हैं।
इसके
साथ
ही
दबंगों
द्वारा
वहां
मौजूद
सभी
कर्मचारी
और
मरीजों
से
मारपीट
भी
कर
रहे
हैं।
अक्सर
शराब
पीकर
करते
हैं
हंगामा
बताया
जा
रहा
है
कि
यह
असामाजिक
तत्व
बगल
कि
मुसाहरी
के
रहने
वाले
हैं
जो
अक्सर
शराब
पीकर
हंगामा
करते
है।
आज
भी
वह
शराब
पीकर
रोड
पर
हंगामा
कर
रहे
थे।
इसी
दौरान
पास
के
रहने
वाले
दो
डीएसपी
पति-पत्नी
वहां
से
गुजर
रहे
थे।
उन्होंने
रोड
पर
हंगामा
कर
रहे
शराबियों
में
से
एक
को
टोक
दिया।
फिर
क्या
था
शराबी
ने
बिना
वर्दी
के
दोनों
डीएसपी
को
नहीं
पहचाना
और
उनकी
पिटाई
करने
लगे।
बचने
के
लिए
डीएसपी
पति-पत्नी
नर्सिंग
होम
की
तरफ
भागे।
नर्सिंग
होम
के
कर्मियों
ने
उन्हें
बचाने
के
लिए
बदमाशों
को
पीट
दिया।
इसके
बाद
बदला
लेने
के
लिए
पूरा
मुहरी
नर्सिंग
होम
में
पहुंच
गया
और
हंगामा
करने
लगा।
उन्होंने
न
केवल
नर्सिंग
होम
में
तोड़फोड़
की
बल्कि
वहां
मौजूद
कर्मियों
की
बेरहमी
से
पिटाई
कर
डाली।
इस
पूरी
घटना
में
नर्सिंग
होम
के
3
कर्मचारियों
को
चोट
भी
लगी
है।
घटना
कि
जानकारी
के
बाद
पुलिस
पहुंची
तब
जाकर
माला
शांत
हुआ।
नर्सिंग
होम
ने
आसमाजिक
तत्वों
द्वारा
हंगामा
करने
और
मारपीट
करने
का
मामला
दर्ज
करया
है।
शराबबंदी बस नामभर की है
इस पूरी घटना में सोचने वाली बात यह है कि जिस राज्य में शराबबंदी लागू है वहां कैसे इतनी संख्या में शराबी खुलेआम दबंग बीच सड़क पर हंगामा कर पा रहे हैं। पुलिस की शराबबंदी को लेकर कार्यवाही की अगर बात करें तो इस मामले में पीड़ित खुद ही डीएसपी पति-पत्नी बताए जा रहे है। इस पूरे घटनाक्रम से एक बात तो साफ़ हो जाती है कि बिहार में शराबबंदी बस नामभर की है पर असलियत तो कुछ और ही है। बिहार में पिछले छह साल से अधिक समय से शराबबंदी लागू है, लेकिन ताजा आंकड़ों के मुताबिक, राज्य के कई जिलों में अभी भी शराब का व्यापार, परिवहन और सेवन जारी है।
शराबबंदी कानून में दी गई ढील का असर
बिहार में शराबबंदी कानून में इसी साल अप्रैल में दी गई ढील का असर दिखने लगा है। 1 अप्रैल 2022 को शराबबंदी कानून में संशोधन के बाद शराब पीने वालों के पास जुर्माना देकर छूटने का विकल्प दिया गया है। ताजा जारी आंकड़ों पर नजर डालें तो बिहार में शराब पीने वाले लोग जुर्माना देकर धड़ल्ले से रिहा हो रहे हैं। बिहार सरकार के ताजा आंकड़ों के मुताबिक अब तक शराब पीने के आरोप में अरेस्ट हुए 15000 से ज्यादा लोग जुर्मान देकर रिहा हो चुके हैं। इन सभी लोगों को स्पेशल कोर्ट से जमानत मिली है। शराबबंदी कानून में धारा 37 के तहत पहली बार शराब पीकर पकड़े गए लोगों को शपथ पत्र के साथ 2 से 5 हजार रुपए जुर्माना देकर छोड़ने का प्रावधान है।
शराब का कारोबार अनैतिक
हाल ही में नितीश कुमार ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा था कि सरकार को शराबबंदी से पांच हजार करोड़ रुपए का नुकसान हो गया है, ऐसा दुष्प्रचार भी किया जा रहा है। शराब का कारोबार अनैतिक है। हरेक धर्म और महापुरुषों ने इसे अनैतिक बताया है। सबसे बड़ी बात है कि सरकार को पांच हजार करोड़ रुपए मिल रहे हों लेकिन आम आदमी के तो दस हजार करोड़ रुपए बर्बाद हो रहे थे। शराबबंदी के बाद वह रुपया दूसरे सकारात्मक कार्यों में खर्च हो रहा है। इससे राज्य में व्यवसाय बढ़ेगा। सरकार को अधिक रकम टैक्स के रूप में हासिल होगी। पर इस घटना ने यह साफ़ कर दिया है कि नितीश कुमार द्वारा किये गए सारे दावे कितने सच्चे हैं।
उठाने पड़ेंगे ठोस कदम
शराब
शब्द
सुनते
ही
मस्तिष्क
में
कई
प्रकार
के
नकारात्मक
विचार
स्वाभाविक
रूप
से
पैदा
हो
जाते
हैं।
शराबी
व्यक्तियों
में
हिंसा
अर्थात्
गुस्सा
और
गाली-गलौच
से
लेकर
मारपीट
तथा
कई
प्रकार
के
अपराधें
की
प्रवृत्ति,
अनियंत्रित
कामवासना
की
प्रवृत्ति,
अधिक
से
अधिक
धन
कमाने
के
लोभवश
भ्रष्टाचार
की
प्रवृत्ति
आदि
सामान्य
रूप
से
देखने
को
मिल
सकती
है।
इनके
अतिरिक्त
शराबी
व्यक्ति
के
शरीर
और
मन
के
स्तर
पर
अनेकों
प्रकार
के
रोग
भी
पाये
जाते
हैं।
नियमित
योगाभ्यास,
ध्यान-साधना
से
छूट
सकती
है
शराब
शराब
पीने
तथा
अन्य
प्रकार
के
नशा
करने
वाले
नागरिकों
को
ऐसी
आदतें
छुड़वाने
के
लिए
प्रत्येक
सरकारी
अस्पताल
में
विशेष
विभाग
गठित
किये
जाने
चाहिए।
शराब
छुड़वाने
में
परिवार
के
सदस्यों
को
पूरे
प्रेम
के
साथ
सहयोग
करने
के
लिए
तत्पर
रहना
चाहिए।
शराब
पीने
वाले
व्यक्ति
को
नियमित
योगाभ्यास,
ध्यान-साधना,
मसाज,
शिरोधारा,
पोषक
भोजन,
गर्म
स्नान
तथा
गर्म
स्थान,
मनोरंजन
तथा
प्रेम,
अधिक
मात्रा
में
जल
का
सेवन
आदि
उपायों
का
सहारा
अत्यन्त
प्रभावशाली
सिद्ध
हो
सकता
है।
Bihar : हवालात में शराब पार्टी करने के आरोप में 2 कांस्टेबल, 5 कैदी गिरफ्तार