बलूचिस्तान के क्वेटा में आतंकी हमला लेकिन चीन का ब्लड प्रेशर हाई
बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा मेंं हुए आतंकी हमले ने चीन की चिंताओं को दोगुना कर दिया है। बलूूचिस्तान चीन के लिए अहम है क्योंकि उसका 46 बिलियन डॉलर वाला इकोनॉमिक कॉरिडोर यहीं से गुजरता है।
क्वेटा। बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा में एक और आतंकी हमले से चीन की चिंताएं दोगुनी हो गई हैं। क्वेटा में पिछले कुछ माह से लगातार आतंकी हमले हो रहे हैं लेकिन चीन को पूरा भरोसा है कि पाकिस्तान की सेना नियंत्रण में है। चीन की चिंताएं लाजिमी है क्योंकि चीन, पाकिस्तान के साथ मिलकर इकोनॉमिक कॉरीडोर पर काम कर रहा है।
46 बिलियन डॉलर वाला सीपीईसी
बलूचिस्तान, चीन के लिए काफी संवेदनशील क्षेत्र है। यहां पर चीन का 46 बिलियन डॉलर की लागत वाला महत्वकांक्षी इकोनॉमिक कॉरीडोर वाला प्रोजेक्ट चल रहा है। इकोनॉमिक कॉरीडोर जो एक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट है वह चीन के पश्चिमी प्रांत शिनझियांग को पाकिस्तान के जरिए अरब सागर से जोड़ता है।
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ग्वादर में चीन के इंजीनियरों पर हमला
चीन ने इस माह में पाकिस्तान को सुरक्षा संबंधी चिंताओं से अवगत कराया था। बलूचिस्तान के एक नेता की ओर से चेतावनी मिलने के बाद चीन ने यह कदम उठाया था।
वर्ष 2004 में बलूचिस्तान लिब्रेशन फंट के नेता डॉक्टर अल्लाह नजर बलोच ने ग्वादर में मौजूद चीन के इंजीनियरों पर हुए हमलों की जिम्मेदारी ली थी। डॉक्टर नजर के मुताबिक चीन का रोल बलूचिस्तान में साम्राज्यवादी है।
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ग्वादर में चीन की सेना
उन्होंने कहा कि चीन, पाकिस्तान की सेना को पैसे से सपोर्ट करता है ताकि बलोच आजादी आंदोलन को खत्म किया जा सके। अब ग्वादर में चीन की सेना का एक बड़ा हिस्सा मौजूद है।
पाकिस्तान ने चीन को ग्वादर में तीन एकड़ की जमीन दी हुई है। ऐसे में बलोच नेता मानते हैं कि बलूचिस्तान को हथियाने में चीन की भी साझेदारी है। बलोच नागरिक दोनों देशों का विरोध करेंगे।
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नरसंहार में शामिल चीन भी
डॉक्टर नजर ने यह भी कहा कि बलूचिस्तान में मौजूद चीन के सैनिक भी नरसंहार के लिए बराबर जिम्मेदार हैं। चीन बलोच नागरिकों के लिए एक खतरा है और वह नागरिकों को न सिर्फ इस क्षेत्र से बल्कि भारत से भी बाहर करने की साजिश रच रहा है।
अब चीन, पाकिस्तान से एक नए नियम की मांग कर रहा और पाक इसके लिए तैयार है। इस नए नियम के तहत पाक, चीन को पूरा बलोचिस्तान देने के लिए तैयार है और साथ ही वह चीन को संविधान के तहत सुरक्षा भी मुहैया कराएगा।
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मजदूरों की सुरक्षा को लेकर चिंतित चीन
हाल ही में एक रिपोर्ट आई थी जिसमें कहा गया था कि चीन सीपीईसी में लगे अपने हजारों मजदूरों की सुरक्षा को लेकर काफी चिंतित है। हालांकि पाक की सेना लगातार चीनी मजदूरों को सुरक्षा प्रदान कर रही है।
मई में हुए एक बम धमाके में चीन का एक मजदूर घायल हो या था। इसके बाद सितंबर में पहली बार चीन की ओर से यह बात मानी गई थी कि चीन सुरक्षा पर बढ़ती लागत और इस प्रोजेक्ट से जुड़े खतरे को लेकर चिंतित है।