कौन हैं शहबाज शरीफ, जो इमरान खान की जगह बन सकते हैं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ?
इस्लामाबाद, 30 मार्च: पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने बुधवार को कहा है कि विपक्ष के नेता शहवाज शरीफ जल्द ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनेंगे, क्योंकि इमरान खान ने नेशनल असेंबली में अपना बहुमत खो दिया है। अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले विपक्ष के साथ हाथ मिलाने और इमरान को पीएम पद से हटाने में समर्थन देने के लिए उन्होंने मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान को शुक्रिया कहा है। उन्होंने कहा है कि अविश्वास प्रस्ताव पर गुरुवार को ही वोटिंग हो जानी चाहिए। इससे पहले इसके लिए 3 अप्रैल की तारीख मुकर्रर की गई थी। आइए जानते हैं कि शहवाज शरीफ कौन हैं और पाकिस्तान की राजनीति में उनका क्या रोल रहा है और क्या पाकिस्तान के बाकी नेताओं की तरह उनका भी भ्रष्टाचार से कोई नाता रहा है?
शहबाज शरीफ बनेंगे पाकिस्तान के अगले पीएम- बिलावल
मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान या एमक्यूएम का इमरान खान से अलग होना इसलिए उनकी सरकार की ताबूत में आखिरी कील माना जा रहा है, क्योंकि वह उनकी पार्टी की मुख्य सहयोगी रही है। एमक्यूएम के नेता खालिद मकबूल सिद्दीकी ने विपक्षी खेमे के साथ हुए लिखित समझौते के बाद इमरान को हटाने के लिए उसके साथ जाने की घोषणा की है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा है, 'इमरान खान ने बहुमत खो दिया है। वह अब प्रधानमंत्री नहीं रह गए हैं। संसद का सत्र कल है। कल वोटिंग हो जाए और मामले का निपटारा हो जाएगा। हम उसके बाद पारदर्शी चुनाव के लिए काम शुरू कर सकते हैं और फिर लोकतंत्र की बहाली और आर्थिक संकट के अंत की शुरुआत हो सकती है।' बिलावल बोले कि शरीफ ने पाकिस्तानी पीएम को इस्तीफा देने की चुनौती दी है।
कौन हैं शहबाज शरीफ ?
शहवाज शरीफ पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाई हैं। वे अगस्त 2018 से पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता हैं। शरीफ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के अध्यक्ष हैं और पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के तीन-तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं, जो किसी भी सीएम के लिए वहां का सबसे लंबा कार्यकाल है। वे पंजाब विधानसभा के लिए 1988 में चुने गए थे। फिर 1990 में पहली बार नेशनल असेंबली के सदस्य निर्वाचित हुए थे। 1993 में एकबार फिर वे पंजाब विधानसभा के लिए चुने गए और तब वहां पर विपक्ष के नेता बने। पहली बार 1997 में वे पंजाब के मुख्यमंत्री चुने गए थे।
1999 में तख्तापलट के बाद भाग गए थे सऊदी अरब
1999 में जब परवेज मुशर्रफ की अगुवाई वाली फौज ने नवाज शरीफ का तख्तापलट दिया था तो शहवाज शरीफ ने परिवार के साथ सऊदी अरब में जाकर शरण ली थी। वे फिर 2007 में वापस पाकिस्तान लौटकर आए। 2008 के आम चुनाव के बाद वे एकबार फिर से पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज की जीत होने पर पंजाब प्रांत के सीएम नियुक्त हुए। तीसरी बार 2013 में उन्हें उस प्रांत का मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला और 2018 में पार्टी की हार तक इसी पद पर रहे। जब उनके भाई नवाज शरीफ को पद पर बने रहने के अयोग्य घोषित कर दिया गया तो वे पार्टी के अध्यक्ष नियुक्त कर दिए गए। 2018 के चुनाव के बाद उन्हें नेशनल असेंबली में विपक्ष का नेता बनाया गया। 28 मार्च को शहवाज शरीफ ने ही इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था।
मनी लॉन्ड्रिंग केस में हो चुके हैं गिरफ्तार
2019 के दिसंबर में उनपर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे और इस मामले में नेशनल अकाउंटबिलिटी ब्यूरो ने उनकी और उनके बेटे हमजा शरीफ की 23 संपत्तियां जब्त कर लीं। सितंबर, 2020 में नेशनल अकाउंटबिलिटी ब्यूरो ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में ही गिरफ्तार भी किया। इस मामले में उनके खिलाफ मामला लंबित है। लेकिन, पिछले साल अप्रैल में लाहौर हाई कोर्ट ने उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया।