पीएम इमरान खान ने आखिरकार कुबूला पाकिस्तान की वजह से ईरान झेल रहा आतंकवाद का दर्द
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री आतंकवाद पर अपने एक कूबूलनामे के बाद घर में घिरते नजर आ रहे हैं। पिछले दिनों इमरान खान दो दिनों के तेहरान दौरे पर थे। यहां पर सोमवार को उन्होंने ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी के साथ उन्होंने एक ज्वॉइन्ट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। इमरान ने मीडिया के सामने कहा कि ईरान पर हमले के लिए पाकिस्तान की सरजमीं का प्रयोग हुआ। आतंकवाद पर इमरान के इस बड़े कुबूलनामे के बाद विपक्ष उन पर और हमलावर हो गया है।
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आतंकवाद सबसे अहम मुद्दा
प्रेस कॉन्फ्रेंस में इमरान ने कहा, 'मुझे मालूम है कि ईरान को पाकिस्तान में संचालित हो रहे आतंकी संगठनों की वजह से आतंकवाद का दर्द पिछले कई वर्षों से झेलना पड़ा है। हमें एक दूसरे पर भरोसा करना चाहिए कि दोनों ही देश अपनइी सरजमीं से किसी भी आतंकी गतिविधि की मंजूरी नहीं देंगे।' इमरान ने इसके बाद कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इससे ईरान और पाकिस्तान के बीच आत्मविश्वास बढ़ेगा। इमरान ने यहां पर कहा कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रिश्तों में आतंकवाद एक निर्णायक पहलू हो सकता है। इमरान के मुताबिक उनके दो दिवसीय दौरे पर आतंकवाद का मुद्दा सबसे अहम था। लेकिन इमरान का यह बयान विपक्ष के लिए उन पर हमला करने का नया हथियार बन गया है।
'दुनिया को बता दी असलियत'
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेता खुर्रम दस्तगीर खान ने कहा, 'पीएम का बयान देश की सुरक्षा के लिए खतरा है क्योंकि पहली बार उन्होंने यह माना है कि ईरान में आतंकवाद के लिए पाकिस्तान की जमीन का प्रयोग हो रहा है।' उन्होंने कहा कि अभी तक विदेशी धरती पर किसी भी पाक पीएम ने इस तरह का कोई बयान नहीं दिया था। उन्होंने इस बात पर भी ध्यान दिलाया कि विदेश मंत्री पहले ही कह चुके थे कि बलूचिस्तान में गतिविधियों को संचालित करने के लिए आतंकी ईरान से दाखिल होते हैं। पीएमएल-एन के सांसद ने कहा कि अब इस बयान के बाद पाकिस्तान दुनिया के सामने बेनकाब हो गया है। इमरान के बयान को उन्होंने 'डिप्लोमैटिक गलती' करार दे डाला।
ऐसे बयान पहले भी दिए गए
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) की सांसद और पूर्व विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने कहा, 'हम इस बात को लेकर चिंतित है कि देश लगातार दुनिया में मजाक का विषय बनता जा रहा है।' हिना के मुताबिक पीएम पहले भी सार्वजनिक तौर पर ईरान के खिलाफ पाक की जमीन के प्रयोग की बात कह चुके थे। लेकिन जिन लोगों ने ऐसी बातें कहीं थी उन्हें या तो देश से निकाल दिया गया या फिर उन पर केस चल रहे हैं। साथ ही उन्हें चुनाव लड़ने से भी वंचित कर दिया गया था।
मूर्खतापूर्ण बयान के बाद कैसे दें आपका साथ
हिना ने इमरान के जर्मनी और जापान पर दिए बयान का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा, 'आप इस तरह के मूर्खतापूर्ण बयान दें और फिर हमसें उम्मीद करें कि हम आपका साथ दें।' ईरान के सिस्तान और बलूचिस्तान प्रांत में 13 फरवरी को आत्मघाती हमला हुआ था। इस हमले को जैश-उल-अदल ने अंजाम दिया था। हमले में ईरान की इस्लामिक रेवोल्यूशनरी गार्ड कोर (आईआरजीसी) के 27 जवानों की मौत हो गई थी। ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने इसके बाद पाकिस्तान को जमकर लताड़ लगाई थी। उन्होंने पाक को चेतावनी दी थी कि अगर ऐसे हमले बंद नहीं हुए तो फिर पाक को इसके अंजाम भुगतने पड़ेंगे।