चुनावों से पहले डूबा पाकिस्तान का रुपया, भारत की अठन्नी भी पाक रुपए से ताकतवर
जुलाई में पाकिस्तान में संसदीय चुनाव होने वाले हैं और इससे पहले ही यह देश एक बड़े आर्थिक संकट की ओर बढ़ रहा है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक सोमवार को डॉलर के मुकाबले पाकिस्तान के रुपए में 3.8 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
इस्लामाबाद। जुलाई में पाकिस्तान में संसदीय चुनाव होने वाले हैं और इससे पहले ही यह देश एक बड़े आर्थिक संकट की ओर बढ़ रहा है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक सोमवार को डॉलर के मुकाबले पाकिस्तान के रुपए में 3.8 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। सात माह के अंदर पाकिस्तान के सेंट्रल बैंक की ओर से तीसरी बार मुद्रा अवमूल्यन किया गया है। बैंक ने यह कदम पेमेंट रिस्क का संतुलन बिगड़ने के डर से उठाया है। पाकिस्तान पर अब कर्ज का दबाव भी बढ़ रहा है। अगर भारतीय रुपए से पाकिस्तान के रुपए की तुलना करें तो यह कीमत अब आधी हो गई है।
भारत के रुपए से भी आधी कीमत
मंगलवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक पाकिस्तानी रुपए की कीमत अब 122 हो गई है। भारतीय रुपए की कीमत अभी 67 रुपए है, यानी भारत की एक अठन्नी अब पाकिस्तानी रुपए के बराबर हो गई है। जुलाई माह में होने वाले चुनावों से पहले आर्थिक संकट एक बड़ा मुद्दा बन सकता है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक इस बात की संभावना काफी तेज है कि पाकिस्तान चुनाव के बाद अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) से कर्ज मांग सकता है। देश में भुगतान संतुलन संकट की आशंका है, इससे पहले पाकिस्तान साल 2013 में मुद्राकोष के पास गया था।
अब चीन पर निर्भर पाकिस्तान
पाकिस्तान के कार्यवाहक वित्त मंत्री शमशाद अख्तर ने कहा, ‘हमें 25 अरब डालर के अपने व्यापार घाटे के अंतर को हमारे भंडार के जरिए खत्म करना होगा और कोई विकल्प नहीं है।'उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के समक्ष यह प्रमुख चिंता है।हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के पास अब 10.3 अरब डॉलर का ही विदेशी मुद्रा भंडार है, जो पिछले साल मई में 16.4 अरब डॉलर था। पाकिस्तान का चीन और इसके बैंकों से इस वित्तीय वर्ष में लिया गया कर्ज करीब पांच बिलियन डॉलर तक पहुंचने के कगार पर है। पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक, पाकिस्तान भुगतान संकट के चलते चीन से 1-2 बिलियन डॉलर (68- 135 अरब रुपए) का नया लोन लेने जा रहा है। आार्थिक संकट की वजह से पाकिस्तान अब चीन पर निर्भर होता जा रहा है।
पिछले वर्ष हुई थी सबसे बड़ी गिरावट
सितंबर 2017 में पाकिस्तान रुपए में डॉलर के मुकाबले 3.2 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी। साल 2008 के बाद से पाकिस्तान की मुद्रा में इतने बड़े स्तर पर गिरावट देखी गई थी। तब पाकिस्तान फॉरेक्स एसोसिएशन के प्रेसीडेंट की ओर से कहा गया था कि करेंसी मार्केट के लिए एक बड़े भूकंप की तरह है जिसमें सब-कुछ बर्बाद हो गया है। तब पाकिस्तान के वित्त मंत्री इश्हाक डार ने कहा था कि रुपए में गिरावट में पाकिस्तान की राजनीतिक स्थिति की वजह से हुई है। उन्होंने अप्रत्यक्ष तौर पर भारत पर आरोप लगाया था कि कुछ लोग पाकिस्तान के हालातों को फायदा उठाकर इसे तबाह करने की साजिश रच रहे हैं।