पाकिस्तान को कर्ज देने से सऊदी अरब, UAE और चीन क्यों बना रहे हैं बहाने? जानिए कैसे मुकरे तीनों देश
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष पाकिस्तान को आर्थिक पैकेज देने से आनाकानी कर रहा है वहीं उसके खास मित्र रहे देश भी अब ऐसी हालत में कतरा रहे हैं।
इस्लामाबाद, 31 मईः दिवालिया होने की कगार पर खड़े पाकिस्तान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। सत्ता में परिवर्तन होने के बावजूद भारत के इस पड़ोसी देश की किस्मत बदलने का नाम नहीं ले रही है। पाकिस्तान का विदेशी कर्ज लगातार बढ़ रहा है वहीं, विदेशी मुद्रा भंडार हर दिन खाली होता जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष पाकिस्तान को आर्थिक पैकेज देने से आनाकानी कर रहा है वहीं उसके खास मित्र रहे देश भी अब ऐसी हालत में कतरा रहे हैं।
पाकिस्तान को यह कहकर बहलाया
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने कहा "हम मदद के लिए सऊदी अरब, यूएई गए। इसके साथ ही अन्य कई देशों से बात की। ये सभी देश पैसे देने के लिए तैयार हैं, लेकिन इनका कहना है कि हमें पहले आईएमएफ में जाने की जरूरत है।" दीगर बात ये है कि पाकिस्तान के इन सभी दोस्तों को पता है कि आईएमएफ कर्ज देने के लिए कड़ी शर्ते लाद रहा है फिर भी इनका ये कहना कि पाकिस्तान को पहले आईएमएफ के पास जाना चाहिए, उनके इरादे स्पष्ट कर देता है।
चीनी बैंक ने रखी ये शर्त
वहीं, मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने स्वीकार किया है कि चीन के एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक ने पाकिस्तान को कर्ज देने से मना कर दिया है। उनकी शर्त है कि अगर आईएमएफ पैसा देता है तो ही वो पाकिस्तान को लोन के रूप में पैसे देंगे। आपको बता दें कि एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक को विश्व के बड़े फंडर्स के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए बनाया गया था।
2018 में इन्हीं देशों ने दी मदद
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के ही मुताबिक चार साल पहले 2018 में पाकिस्तान ने आईएमएफ में जाने से पहले चीन, यूएई और सऊदी अरब से कर्ज हासिल करने में सफलता हासिल की थी, लेकिन इस बार पाकिस्तान के इन्हीं सहयोगियों ने एक शर्त थोप दी है कि अगर आईएमएफ उधार देता है, तो ही वे पैसे देंगे।
दिवालिया होने की कगार पर है देश
गौरतलब है कि पाकिस्तान का आर्थिक जोखिम स्कोर 2009 के बाद से सबसे निचले स्तर पर है। पिछले एक साल में, पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार आधा हो गया है, जबकि पाकिस्तानी रुपया मई के महीने में लगभग 8% गिर गया है। वर्तमान में पाकिस्तानी रुपया एशिया में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली करेंसी है।