नवाज शरीफ ने कोर्ट में देशद्रोह मामले की सुनवाई में बताया क्यों भारत छोड़कर आए थे पाकिस्तान
लाहौर। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने सोमवार को खुद पर लगे देशद्रोह के आरोपों को आधारहीन बताते हुए इन्हें सिरे से नकार दिया। लाहौर हाई कोर्ट में नवाज पर चल रहे देशद्रोह के केस में जारी सुनवाई के दौरान उन्होंने कहा कि न तो उन्होंने देश के साथ गद्दारी की और न ही उनके परिवार ने कभी ऐसा किया है। नवाज के मुताबिक उनकी देशभक्ति से सवाल हरगिज नहीं उठने चाहिए और पाकिस्तान के लिए यह उनका प्यार ही था जिसने उन्हें बंटवारे के समय भारत को छोड़ने पर मजबूर कर दिया था।
'मैं और मेरा परिवार गद्दार नहीं'
नवाज शरीफ ने इस वर्ष एक इंटरव्यू में यह बात कुबूल की थी कि साल 2008 के मुंबई आतंकी हमले में पाकिस्तान का हाथ था। उनके इस बयान को देश के खिलाफ गद्दारी बताया गया और सिविल सोसायटी की सदस्य अमीना मलिक ने उनके खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज कराया। नवाज शरीफ के अलावा उनका इंटरव्यू लेने वाले पत्रकार सिरिल अलमीडा पर भी देशद्रोह का मुकदमा चलाने के लिए याचिका दायर की गई थी। नवाज ने कोर्ट में कहा, ‘मैं देशद्रोही नहीं हूं। मैं और मेरा परिवार पाकिस्तान की जमीन से प्यार करता है।' मुंबई आतंकी हमले पर दिए गए नवाज के बयान पर विवाद के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री शाहिद खाकन अब्बासी ने नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल की मीटिंग तक बुलाई थी। अब्बासी ने नवाज से मिलकर उन्हें इस मीटिंग में हुई बातचीत की जानकारी दी थी। इसके लिए मलिक ने अब्बासी पर भी केस किया है।
'मैंने देश को परमाणु ताकत से लैस किया'
हाई कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए नवाज ने कहा, ‘जिस व्यक्ति ने देश को परमाणु राष्ट्र बनाया वह देशद्रोही कैसे हो सकता है। हाल में हुए उपचुनाव में जिस व्यक्ति की पार्टी को सबसे ज्यादा वोट मिले वह देशद्रोही कैसे हो सकता है? मैं लाखों देशवासियों का प्रतिनिधित्व करता हूं, क्या वे देशद्रोही हो सकते हैं?' अपने जवाब में शरीफ ने आगे कहा कि पाकिस्तान के प्रति मोहब्बत के लिए ही उनका परिवार भारत से यहां आया था। शरीफ ने गद्दारी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा, ‘मुझे और मेरे परिवार को इस मिट्टी के हर जर्रे से मोहब्बत है। आपको बता दें कि शरीफ के पिता मियां मोहम्मद शरीफ पंजाब के तरन तारन जिले के जट्टी उमरा में रहते थे। साल 1947 में जब बंटवारा हुआ तो वह लाहौर चले गए थे।
12 नवंबर को होगी सुनवाई
मामले में अपने जवाब में एक अन्य पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने इस बात से इंकार कर दिया कि उन्होंने मुंबई आतंकवादी हमलों में शामिल होने वाले लोगों के बारे में शरीफ की टिप्पणी के संबंध में सिक्योरिटी काउंसिल की मीटिंग की जानकारी नवाज को दी थी। वहीं जर्नलिस्ट अलमेडा ने कहा कि उन्होंने कोई गद्दारी नहीं की है क्योंकि उन्होंने शरीफ का इंटरव्यू किया था। उन्होंने वहीं बातें लिखीं जो शरीफ ने कही थीं। पाकिस्तान इलेक्ट्रानिक मीडिया रेग्यूलेटरी अथारिटी ने भी अपना जवाब दाखिल करते हुए कहा कि यह मुद्दा पाकिस्तान प्रेस काउंसिल के पास भेज दिया गया है। जस्टिस मजहर अली नकवी की अगुवाई वाली लाहौर हाई कोर्ट की बेंच अब मामले की सुनवाई 12 नवंबर को करेगी।