पाकिस्तान के वकील कुरैशी ने ली थी पांच करोड़ रुपए फीस, फिर भी ICJ में मिली हार
इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) में केस हारने के बाद पाकिस्तान के बैरिस्टर खावर कुरैशी की मुसीबतें बढ़ीं। केस लड़ने के लिए ली थी पांच करोड़ रुपए की फीस।
इस्लामाबाद। गुरुवार को इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) में कुलभूषण जाधव केस पर फैसला आने के बाद पाकिस्तान के बैरिस्टर खावर कुरैशी की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। कुरैशी ने ही आईसीजे में पाकिस्तान का पक्ष रखा था। विशेषज्ञ यह कहते हुए उन्हें दोष दे रहे हैं कि उन्होंने इस केस के लिए ठीक से तैयारी नहीं की थी।
कुरैशी पर लगे कई इल्जाम
कुरैशी के लिए सबसे बड़ी मुश्किल यह है कि उन्होंने इस केस के लिए पांच करोड़ रुपए की फीस ली थी। वहीं भारत की पैरवी कर रहे हरीश साल्व ने केस लिए सिर्फ एक रुपए ही फीस ली थी। अब जहां भारत और दुनिया में साल्वे के लिए तालियां बज रही हैं तो वहीं खावर कुरैशी को अपने देश में विरोध झेलना पड़ रहा है। लंदन में बसे पाक के बैरिस्टर राशिद असलम ने कहा कि पाकिस्तान इस केस के लिए पूरी तरह से तैयार ही नहीं था। पाक ने सुनवाई के लिए अपने 90 मिनट भी पूरे नहीं किए थे जबकि पाक को अपनी बहस पूरी करनी चाहिए थी।। पाक ने बहस के 90 मिनट में से 40 मिनट यूं ही बेकार कर दिए थे। असलम तो इस बात पर हैरान थे कि पाकिस्तान ने कितने कम समय में अपनी बहस पूरी कर ली थी। उन्होंने पाक की पैरवी करने वाले वकील खावर कुरैशी को इसके लिए दोष दिया। उन्होंने आगे कहा कि पाक के पास यह अधिकार था कि वह अपना जज वहां पर रखे लेकिन ऐसा नहीं किया गया। पाकिस्तान इस केस के लिए तैयार ही नहीं था।
कुरैशी के नाम है एक कीर्तिमान
पाकिस्तान के पूर्व अटॉर्नी जनरल इरफान कादिर ने कहा है कि आईसीजे के फैसले से उन्हें काफी धक्का लगा है। उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि जिन वकीलों पर इस केस का जिम्मा था उनके पास कोई अनुभव ही नहीं था। उनकी दलीलों को भी कोई तवज्जों नहीं दी गई। कुरैशी के लिए यह पहला मौका नहीं था जब वह आईसीजे में किसी केस लिए पेश हुए थे। वर्ष 1993 में वह आईसीजे में पेश होने वाले सबसे कम उम्र के वकील थे। उस समय वह बोस्निया के लिए युगोस्लाविया के खिलाफ जनसंहार का केस लड़ रहे थे। वर्ष 2014 में चैंबर्स एंड पाटर्नर्स की ओर से कहा था कि कुरैशी हमेशा अपना सर्वोत्तम देते हैं और हर मुश्किल केस में भी उन्हें जीत मिलती है। वह काफी अच्छी टीम का हिस्सा हैं और आज के दौर में जिस तरह के बैरिस्टर होने चाहिए कुरैशी बिल्कुल वैसे ही हैं। चैम्बर्स ने उन्हें एक ताकवर वकील करार दिया था। खावर वर्ष 1990 से इस पेशे में हैं और अब तक कई बार इंग्लिश कोर्ट में पेश हो चुके हैं।
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