लाहौर हाई कोर्ट में हाफिज सईद के केस की सुनवाई पर क्यों हुआ सैफ अली खान की फिल्म फैंटम का जिक्र
लाहौर हाई कोर्ट ने जमात-उद-दावा के मुखिया और आतंकवादी हाफिज सईद को हिरासत में लेने पर उठाए सवाल। पंजाब सरकार से सवाल करते समय दिया बॉलीवुड की फिल्म 'फैंटम' का उदाहरण।
लाहौर। लाहौर हाई कोर्ट ने पाकिस्तान की पंजाब सरकार से जमात-उद-दावा (जेयूडी) मुखिया हाफिज सईद को हिरासत में लेने पर सवाल उठाया है। कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि किस अधिकार से हाफिज सईद को नजरबंद किया गया है। दिलचस्प बात है कि सवाल-जवाब के इस सिलसिले में बॉलीवुड की फिल्म 'फैंटम' का जिक्र किया है।
कहीं भारत की साजिश तो नहीं
कोर्ट ने पंजाब सरकार से पूछा कि क्या सरकार ने बिना ट्रायल के ही हाफिज सईद को हिरासत में ले लिया है? लाहौर हाई कोर्ट की जस्टिस सैयद काजिम रजा शम्सी की एक बेंच हाफिज सईद और कुछ और लोगों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इन लोगों ने एंटी-टेररिज्म लॉ के तहत अपनी हिरासत को चुनौती दी है। जस्टिस शम्सी ने कहा कि सरकार को सईद जैसे नागरिकों को बिना ट्रायल के हिरासत में लेने के बाद अपनी शक्तियों के बारे में बताना होगा। उन्होंने बॉलीवुड फिल्म 'फैंटम' का जिक्र किया जिसमें सईद को एक विलेन के तौर पर दिखाया गया था। जज ने कहा कि सरकार को देखना चाहिए कि क्या पाकिस्तानी नागरिकों के खिलाफ कोई अंतराष्ट्रीय साजिश हो रही है। 30 जनवरी को पाकिस्तान की सरकार ने सईद और जेयूडी के चार और फलाह-ए-इंसानियत (एफआईएफ) के नेताओं को नजरबंद किया था। इन सभी को पाकिस्तान के एंटी-टेररिज्म लॉ के तहत हिरासत में लिया गया था।
पहले भी फैंटम से डर गया था हाफिज
वर्ष
2015
में
जब
बॉलीवुड
डायरेक्टर
कबीर
खान
की
फिल्म
हाफिज
सईद
रिलीज
होने
वाली
थी
उस
समय
हाफिज
सईद
अजीब
तरह
से
बेचैन
थी।
तब
वह
इस
फिल्म
पर
बैन
के
लिए
लाहौर
कोर्ट
तक
पहुंच
गया
था।
उसने
कोर्ट
में
एक
याचिका
दायर
की
थी
जिसमें
हाफिज
सईद
ने
याचिका
में
कोर्ट
से
मांग
की
थी
'फैंटम'
को
पाकिस्तान
में
रिलीज
न
होने
दिया
जाए।
फिल्म
26/11
हमलों
पर
बनी
थी।
इसमें
दिखाया
गया
था
कि
हाफिज
सईद
ने
कैसे
आईएसआई
के
साथ
मिलकर
इस
पूरे
हमले
की
साजिश
रची
थी।
सईद
का
कहना
था
कि
इस
फिल्म
में
जो
कुछ
भी
दिखाया
गया
है
भारत
का
मकसद
उसके
जरिए
पाक
के
खिलाफ
दुष्प्रचार
करने
का
है।