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राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष को BSP विधायकों के कांग्रेस में विलय के मामले में सुप्रीम कोर्ट का नोटिस

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नई दिल्ली। राजस्थान में बहुजन समाज पार्टी के छह विधायकों को कांग्रेस में शामिल किए जाने के मामले में बुधवार को बड़ी खबर आई है। बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। राजस्थान विधानसभा स्पीकर के अलावा कांग्रेस में शामिल होने वाले बसपा के भी सभी 6 विधायकों को कोर्ट ने नोटिस भेजा है।

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Supreme Court notice to Rajasthan Assembly Speaker in case of termination of membership of BSP MLAs

खबर एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक राजस्थान में बसपा के छहों विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने पर पार्टी की ओर कोर्ट में याचिका दायर कर कहा गया था कि बीएसपी एक राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी है। लिहाजा, पार्टी की किसी भी यूनिट के विलय का फैसला राज्य की यूनिट नहीं कर सकती जब तक कि राष्ट्रीय इकाई पार्टी के विलय पर मुहर न लगा दे। उल्लेखनीय है कि साल 2020 में 24 अगस्त को 6 बीएसपी विधायकों के कांग्रेस में विलय के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा विधायक मदन दिलावर ने भी याचिका दायर की थी, जिसे खारिज कर दिया गया था। जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा था कि इस मामले पर राजस्थान हाईकोर्ट का फैसला आ गया है, इसलिए अब मामले में सुनवाई का कोई मतलब नहीं है।

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बता दें कि बसपा के ये विधायक सितंबर 2019 में कांग्रेस में शामिल हुए थे, जिसे राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष ने 18 सितंबर 2019 को मंजूरी दी थी। इधर, इस मामले की सुनवाई में राजस्थान विधानसभा के स्पीकर सीपी जोशी की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि राजस्थान हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। उन्होंने कहा था कि राजस्थान हाईकोर्ट ने स्पीकर को बीएसपी विधायकों की अयोग्यता के मामले पर तीन महीने के अंदर फैसला करने का निर्देश दिया है। तब कोर्ट ने कहा था कि अब इस याचिका पर सुनवाई का कोई मतलब नहीं है।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले 13 अगस्त को राजस्थान के बीएसपी विधायकों के कांग्रेस में विलय के स्पीकर के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा था कि फिलहाल हाईकोर्ट सुनवाई कर रहा है इसलिए हम इस मामले में दखल नहीं देंगे। सुनवाई के दौरान बीएसपी की ओर से वकील सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा था कि स्पीकर का फैसला अवैधानिक है अगर विलय को अनुमति दी गई तो जनतांत्रिक प्रक्रियाएं खत्म हो जाएंगी। तब जस्टिस गवई ने कहा था कि आपको व्हिप जारी करने से किसने रोका है?

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English summary
Supreme Court notice to Rajasthan Assembly Speaker in case of termination of membership of BSP MLAs
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