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सावधान: खतरे में है दिल्ली के 4000 सरकारी स्कूलों के बच्चों की जिंदगी

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government school
नयी दिल्ली। एक तरफ दिल्ली में निजी स्कूलों की होड़ है तो दूसरी ओर सरकारी स्कूल बदहाली झेल रहे है। निजी स्कूलों की फीसें आसमान छू रही है तो वहीं सरकारी स्कूल अनदेखी की मार झेल रहा है। जी हां देश की राजधानी होने के बावजूद यहां के सरकारी विद्यालय बदहाली और अनदेखी का शिकार हो रहे हैं। सरकारी स्कूलों में पढ़ाई के गिरते स्तर और अनुशासनहीनता के कारण ज्यादातर अभिभावक अपने बच्चों को इन स्कूलों में नहीं भेजना चाहते है। लेकिन इन सब के बावजूद जो तथ्य निकलकर सामने आया है उससे के बाद तो सरकारी स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाने वाले अभिभावकों के होश उड़ जाएंगे।

राष्ट्रीय राजधानी में बच्चों का भविष्य संवारने वाले 4,000 प्राथमिक स्कूलों में बच्चों का जीवन ही दांव पर है, क्योंकि आग लगने के उच्च खतरे वाले इन स्कूलों के पास दिल्ली अग्निशमन सेवा से अनापत्ति प्रमाणपत्र ही नहीं है।दिल्ली अग्निशमन सेवा के निदेशक एके शर्मा ने आईएएनएस को दिए अपने इंटरव्यू में कहा कि दिल्ली के 4,000 प्राथमिक स्कूल न सिर्फ नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं, बल्कि इनमें आग लगने का जोखिम भी सर्वाधिक है।उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि इनमें से किसी भी स्कूल में आग लगने की आपात स्थिति से निबटने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है और न ही सुरक्षा उपकरण ही लगाए गए हैं।

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एके शर्मा के मुताबिक इन स्कूलों के अनापत्ति प्रमाण तक नहीं लिया है। इतना ही नहीं जिन स्कूलों ने अनापत्ति प्रमाण लिया भी है, उन्होंने उसका नवीनीकरण तक नहीं करवाया है, जबकि प्रत्येक पांच वर्ष के अंतराल पर इसका नवीनीकरण कराना अनिवार्य है। बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि स्कूलों में आग लगने की दशा में अग्निशमन दल के घटनास्थल तक पहुंचने तक आग बुझाने के ये उपकरण काफी काम आ सकते हैं। इसलिए सघन बस्तियों के बीच जैसे चांदनी चौक, चावड़ी बाजार आदि जगहों पर स्थित स्कूलों के लिए इसका पालन अवश्य करना चाहिए, लेकिन कई स्कूल इसका पालन नहीं करते है।

स्कूलों में आगजनी जैसी घटनाओं से बचाने के लिए किए जाने वाले उपायों पर एके शर्मा ने बताया कि हमारा जांच दल नियमित तौर पर स्कूलों का जांच करता रहता है। इससे कम से कम वे स्कूल अनापत्ति प्रमाणपत्र लेने के लिए आवेदन करने आगे आते हैं। उन्होंने आगे बताया कि अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी करने तक हमारा विभाग स्कूलों में जरूरी सुरक्षा उपायों की जांच भी करता है उनकी सुनिश्चितता भी तय करता है। आपको बता दें कि दिल्ली में कुल 56 अग्निशमन केंद्र हैं, जहां 150 अग्निशमन वाहन और 1,300 बचावकर्मी हैं।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

English summary
It's playing with children's lives but the startling fact is that over 4,000 government schools in the national capital are at high fire risk since they do not have the No Objection Certificate from the Delhi Fire Service.
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