Oxygen: हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा, केंद्र सरकार के आवंटन प्लान की समीक्षा कर दें अपना सुझाव
दिल्ली में ऑक्सिजन संकट पर दिल्ली हाई कोर्ट में चल रही आज की सुनवाई पूरी हो गई है।
नई दिल्ली, 23 अप्रैल। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी की समस्या को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को भी सुनवाई की। बता दें कि दिल्ली के बत्रा हॉस्पिटल सहित चार अस्पतालों ने ऑक्सीजन की कमी को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। जस्टिस विपिन सांघी और रेखा पल्ली की पीठ इस मामले पर सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य सचिव से कहा कि वह बिना किसी देरी के केंद्र सरकार के आवंटन योजना की समीक्षा कर अपना सुझाव समिति के समक्ष रखें।
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गौरतलब है कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर का प्रकोप झेल रही दिल्ली समेत अन्य राज्यों में ऑक्सीजन की भारी किल्लत देखी जा रही है। इस बीच दिल्ली के अस्पतालों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर ऑक्सिजन की कमी का हवाला देते हुए तत्काल ऑक्सिजन सिलेंडर की सप्लाई कराने की गुहार लगाई। इस मामले पर सुनवाई करते हुए आज हाई कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है। इस बीच जस्टिस सांघी ने दिल्ली सरकार को सुझाव दिया कि क्या सीएनजी गैस सिलेंडर का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है?
नर्सिंग
होम
में
भी
ऑक्सिजन
नहीं
इस
बीच
दिल्ली
सरकार
के
वकील
राहुल
मेहरा
ने
अदालत
को
बताया
कि
अब
एक
और
समस्या
आ
रही
है
कि
नर्सिंग
होम
वगैरह
ने
लोगों
को
भर्ती
करना
बंद
कर
दिया
है
कि
ऑक्सिजन
नहीं
मिल
रही
है।
इतना
पैनिक
क्रिएट
हो
गया
है।
सुनवाई
के
दौरान
राहुल
मेहरा
ने
सुझाव
दिया
कि
अगर
वॉट्सऐप
ग्रुप
बना
दिया
जाए
तो
तकनीक
का
बेहतर
इस्तेमाल
हो
सकता
है।
इस
पर
न्यायाधीश
ने
कहा
कि
ग्रुप
बनाने
से
उसमें
गुडमॉर्निंग
के
मैसेज
आने
लगेंगे।
इस
तरह
से
स्थिति
को
हैंडल
करना
आपके
लिए
मुश्किल
हो
जाएगा।
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सीएनजी
गैस
सिलेंडर
का
नहीं
कर
सकते
उपयोग?
जस्टिस
सांघी
के
सीएनजी
गैस
सिलेंडर
का
इस्तेमाल
करने
के
सुझाव
पर
केंद्र
सरकार
की
ओर
से
वकील
मोनिका
अरोड़ा
ने
अदालत
को
बताया
कि
उनके
अधिकारी
ने
अभी
बताया
है
कि
ऐसा
नहीं
हो
सकता
है
क्योंकि
दोनों
के
कंपोजिशन
में
अंतर
है।
सुनवाई
पूरी
होने
से
पहले
कोर्ट
ने
दिल्ली
सरकार
के
स्वास्थ्य
सचिव
को
सुझाव
दिया
कि
वह
जल्द
से
जल्द
केंद्र
सरकार
के
ऑक्सीजन
आवंटन
योजना
पर
अपनी
राय
और
जांच
रिपोर्ट
समिति
के
समक्ष
पेश
करें।
उच्च
न्यायालय
का
कहना
है
कि
इसकी
जांच
जल्द
से
जल्द
सशक्त
समूह
द्वारा
की
जाएगी।