घाटे में चल रही एयर इंडिया को बेचकर 7,000 करोड़ जुटाएगी केंद्र सरकार
नई दिल्ली: केंद्र सरकार अगले वित्तीय वर्ष में एयर इंडिया की नीलामी कर सकती है। एक सरकारी अधिकारी के मुताबिक अगले वित्तीय वर्ष के दूसरे छमाही में सरकार ये नीलामी करेगी। सरकार को उम्मीद है कि एयर इंडिया की नीलामी से सरकार के पास 7,000 करोड़ रुपये आ सकते हैं। एयर इंडिया की नीलामी की प्रक्रिया शुरू करने से पहले सरकार इसकी कुछ सहायक कंपनियों और संपत्तियों की नीलामी करेगी।
एयर इंडिया पर इस समय 55,000 करोड़ रुपये का कर्ज है। पिछले साल नवंबर में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एयर इंडिया के 29,000 करोड़ रुपये के कर्ज को स्पेशल पर्पज व्हीकल(एसपीवी) को ट्रांसफर किए जाने को मंजूरी दी थी। ये एयर इंडिया की सहयोगी होल्डिंग कंपनी है। एक अधिकारी ने कहा कि हमारी नजर एयर इंडिया को बेचकर 1 अरब डॉलर यानी 7,000 करोड़ रुपये जुटाने पर है। गौरतलब है कि पिछले साल मई में अरुण जेटली के नेतृत्व वाले पैनल ने एयर इंडिया को बेचने के असफल प्रयास के बाद इसकी बिक्री को कुछ समय के लिए टालने का फैसला लिया था। उस समय ये फैसला लिया गया था कि कर्ज में डूबी एयर इंडिया में कुछ और निवेश किया जाए और कुछ जमीनों और सहायक कंपनियों को बेचकर भी कर्ज को कम किया जाए।
सरकार ने शुरुआत में इस सरकारी एयरलाइन एयर इंडिया के 76 प्रतिशत शेयरों को बेचने और इसके मैनेजमेंट के नियंत्रण को निजी हाथों में सौंपने का फैसला लिया था। इसे खरीदने वाली कंपनी को 24,000 हजार करोड़ रुपये के कर्ज के साथ- साथ 8,000 करोड़ रुपये की देनदारियां भी चुकानी थी। मई के महीने में शुरू की इस नीलामी प्रक्रिया में किसी भी कंपनी ने दिलचस्पी नहीं दिखाई थी। पिछले साल अगस्त में सरकार ने संसद से एयर इंडिया की इक्विटी के लिए 980 करोड़ रुपये की मंजूरी ली थी। संसद ने आगे बढ़कर एयर इंडिया को मजबूत करने के लिए 2,345 करोड़ रुपये की इक्विटी को मंजूरी दी। सरकारी एयरलाइन ने पिछले साल सितंबर में देश भर में अपनी संपतियों की नीलामी के लिए निविदा निकाली थी. एयरलाइन ने मुंबई में 28 फ्लैट, अहमदाबाद में सात फ्लैट और पुणे में और दो फ्लैट और एक ऑफिस की ब्रिकी की निविदा जारी की थी.