केजरीवाल की चुनाव आयोग को चुनौती-EVM को सार्वजनिक करें, 72 घंटे में साबित कर देंगे छेड़छाड़ हुई
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर ईवीएम मशीनों के जरिए चुनाव आयोग को आड़े हाथों लिया है।
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर ईवीएम मशीनों के जरिए चुनाव आयोग को आड़े हाथों लिया है। अरविंद केजरीवाल से चुनाव आयोग को सीधे तौर पर चुनौती देते हुए कहा कि मशीनों का सार्वजनिक किया जाना चाहिए जिससे इन मशीनों की जांच हो सके। अरविंद केजरीवाल ने दावा किया कि अगर चुनाव आयोग ईवीएम मशीनों को सार्वजनिक करता है तो 72 घंटे के भीतर साबित कर देंगे कि ईवीएम में भी छेड़छाड़ हुई है।
आम आदमी पार्टी ने पंजाब विधानसभा चुनाव में मिली पार्टी को हार के बाद भी ईवीएम मशीन पर सवाल उठाया था। आम आदमी पार्टी के इस दावे पर चुनाव आयोग ने कहा था कि ईवीएम पूरी तरह से सुरक्षित है और इसमें किसी भी कीमत पर छेड़छाड़ नहीं हो सकती है।
वहीं रविवार को चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी से कहा था कि वह ईवीएम को दोष देने के बजाए पंजाब में हुए विधानसभा चुनावों के परिणामों की समीक्षा करे। सोमवार को आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ईवीएम से चुनाव कराए जाने पर सवाल उठाया था। अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि चुनाव आयोग को बैलट पेपर से वोटिंग कराने पर विचार करना चाहिए।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि लोग पूछ रहे हैं कि जब ईवीएम से छेड़खानी की गई है तो पोलिंग बूथों पर कतारों में खड़े होने का क्या मतलब है। उन्होंने मध्य प्रदेश के भिंड में ईवीएम मशीन के साथ घटी घटना का उदाहरण देते हुए कहा कि जो कुछ हुआ वह पूरे चुनाव प्रक्रिया पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में उपचुनाव के लिए 300 ईवीएम कानपुर के गोविंदनगर से गए हैं जहां हाल ही में चुनाव हुए थे जिसमें भाजपा की जीत हुई थी।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि चुनाव परिणाम निकलने के 45 दिनों तक किसी ईवीएम का न तो इस्तेमाल किया जा सकता है और न ही उसे कहीं और ले जाया जा सकता है। ऐसे में चुनाव आयोग की कौन सी मजबूरी है कि वह भिंड में कानपुर से मशीनें चुनाव के लिए ले जाई जा रही हैं।