मुंबई में रेलवे स्टेशन का नाम राम मंदिर, 9 साल में हुआ तैयार
ओशिवारा का यह इलाका 200 साल पहले बने राम मंदिर की वजह से फेमस है। रेलवे स्टेशन का नाम राम मंदिर रखे जाने को लेकर काफी राजनीति हुई।
मुंबई। अगले हफ्ते मुंबई में एक खास रेलवे स्टेशन का उद्घाटन किया जाएगा जिसके नामाकरण को लेकर काफी राजनीति हुई। इस रेलवे स्टेशन स्टेशन का नाम राम मंदिर रखा गया है। ओशिवारा में स्थित इस स्टेशन पर चार प्लेटफॉर्म बने हैं।
Read Also: अगले साल राम मंदिर जरूर बनेगा- सुब्रमण्यम स्वामी
इलाके में है एक पुराना राम मंदिर
ओशीवाड़ा के इस इलाके में एक राम मंदिर है जिसे 200 साल पुराना बताया जाता है। यहां के मेन रोड का भी नाम राम मंदिर मार्ग है।
राम मंदिर के ट्रस्टी शैला पठारे, रेलवे स्टेशन का नाम 'राम मंदिर' रखे जाने से बहुत खुश हैं। उनका कहना है कि यह पूरा इलाका राम मंदिर की वजह से जाना जाता है इसलिए रेलवे स्टेशन का नाम भी राम मंदिर रखना जायज है।
9 साल में बनकर तैयार हुआ राम मंदिर रेलवे स्टेशन
राम मंदिर रेलवे स्टेशन 9 साल में बनकर तैयार हुआ है। 2007 में इसकी नींव रखी गई थी। स्टेशन के नामाकरण को लेकर स्थानीय स्तर पर खूब राजनीति हुई। राम मंदिर नाम के पक्ष में हस्ताक्षर अभियान चलाए गए।
रेलवे स्टेशन बनने से यात्रियों को मिलेगी राहत
अब तक यात्रियों को जोगेश्वरी या गोरेगांव जाने के लिए ऑटो या टैक्सी पकड़नी पड़ती थी। लेकिन अब राम मंदिर रेलवे स्टेशन शुरू होने से उनको राहत मिलेगी। ओशिवारा में स्टेशन की मांग बरसों से लोग करते रहे हैं। अब जाकर उनकी मुराद पूरी हुई है।
स्टेशन के नाम को लेकर बीजेपी-शिवसेना भिड़ीं
स्टेशन का नाम राम मंदिर रखा गया, इसका क्रेडिट लेने के लिए भाजपा और शिवसेना, दोनों पार्टियों की बीच रार चल रही है।
शिवसेना के एक स्टेट को-ऑर्डिनेटर का कहना है कि स्थानीय पार्टी सांसद गजानन कीर्तिकर ने राम मंदिर नाम के लिए मूवमेंट चलाया। इसके लिए संसद में भी आवाज उठाई, इसलिए शिवसेना की वजह से ही यह नाम रखा जा सका। भाजपा काम करने के बजाय सिर्फ बोलती है।
भाजपा ने शिवसेना का जवाब देते हुए कहा है कि बाबरी मस्जिद गिरने के बाद भी शिवसेना ने क्रेडिट लेने की कोशिश की थी। सभी लोग जानते हैं कि राम मंदिर रेलवे स्टेशन के लिए आंदोलन भाजपा ने छेड़ा।
विरोधी जब रेलवे स्टेशन का नाम राम मंदिर रखे जाने की आलोचना करते हुए इसे सांप्रदायिक कदम बताते हैं तो तो भाजपा-शिवसेना एक सुर में उनको जवाब देती है। उनका कहना है कि जब मस्जिद नाम के स्टेशन को सांप्रादायिकता से नहीं जोड़ा जाता तो फिर राम मंदिर पर विवाद क्यों?
Read Also: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण से संबंधित अंतिम फैसला जल्द सुनाएगा सुप्रीम कोर्ट: आरएसएस