रोल ऑन-रोल ऑफ सेवा के तहत महाराष्ट्र सरकार को तरल ऑक्सीजन पहुंचाएगा रेलवे
महाराष्ट्र सरकार के अनुरोध के बाद रेलवे ने शुक्रवार को क्रायोजेनिक टैंकरों में तरल चिकित्सा ऑक्सीजन के परिवहन को मंजूरी दे दी।
मुंबई, 17 अप्रैल। महाराष्ट्र सरकार के अनुरोध के बाद रेलवे ने शुक्रवार को क्रायोजेनिक टैंकरों में तरल चिकित्सा ऑक्सीजन के परिवहन को मंजूरी दे दी। मालूम हो कि राज्य के मुख्य सचिव ने रेलवे को क्रायोजेनिक टैंकरों से तरल ऑक्सीजन के परिवहन का अनुरोध किया था। रेलवे ने इसके परिवहन को मंजूरी देते हुए कहा कि राज्य में विभिन्न स्थानों तक लिक्विड ऑक्सीजन को रोल ऑन, रोल ऑफ सेवा के तहत पहुंचाया जायेगा, लेकिन इसका पूरा खर्च महाराष्ट्र सरकार को वहन करना होगा।
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महाराष्ट्र सरकार के अनुरोध पर रेलवे ने शुक्रवार को क्रायोजेनिक टैंकरों में तरल चिकित्सा ऑक्सीजन के परिवहन के लिए नीति तैयार की। देश में महाराष्ट्र कोरोना वायरस महामारी से सबसे अधिक प्रभावित राज्य है। रेलवे ने आगे कहा कि पूरे मामले की जांच की गई है और सक्षम अधिकारी ने क्रायोजेनिक कंटेनरों के जरिए तरल ऑक्सीन के परिवहन की मंजूरी दे दी है।
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सर्कुलर में आगे कहा गया है कि रोल ऑन-रोल ऑफ सेवा के तहत लोड किए जाने वाले कंटेनरों के साथ जाने वाले कर्मचारियों को द्वितीय श्रेणी का टिकट लेना होगा और केवल दो व्यक्तियों को ही कंटेनरों के साथ जाने की अनुमति होगी। इसके अतिरिक्त कंटेनरों को खाली करने के बाद वापस लौटने के लिए भी महाराष्ट्र सरकार से पैसे बसूल किए जाएंगे।
गौरतलब है कि सप्ताह की शुरुआत में सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा था कि राज्य में मेडिकल सेवा के लिए तरल ऑक्सीजन की काफी कमी है, उन्होंने पीएम मोदी से मामले में दखल देने का अनुरोध किया था। इसके बाद पीएम ने शुक्रवार को देश में पर्याप्त मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए व्यापक समीक्षा की। प्रधानमंत्री के अधिकारी (पीएमओ) के अनुसार, स्वास्थ्य, डीपीआईआईटी, इस्पात, सड़क और परिवहन जैसे मंत्रालयों से इनपुट को पीएम मोदी के साथ साझा किया गया। उन्होंने जोर देकर कहा कि मंत्रालयों और राज्य सरकारों के बीच तालमेल सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है।
इसी बीच, ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी के बीच मुंबई की ऑल कुर्ला समिति ने ऑक्सीजन सिलेंडर प्रदान किए। कमेटी ने कहा, 'कोरोना के रोगी हमसे और अन्य गैर-सरकारी संगठनों से संपर्क कर रहे हैं। हम स्टॉक की उपलब्धता के अनुसार मदद करते हैं। इसके लिए रुपये चार्ज किए जाते हैं, लेकिन गरीबों को हम इसे मुफ्त दे रहे हैं।'