पुणे स्थित स्टार्ट-अप ने बनाया 3डी मास्क, किसी अन्य मास्क के मुकाबले सबसे बेहतर सुरक्षा देने का किया दावा
पुणे स्थित एक स्टार्ट-अप कंपनी थिंकर टेक्नोलॉजीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने 3डी प्रिंटेट मास्क बनाया है कंपनी का दावा है कि यह मास्क एन-95, 3-प्लाई और कपड़े से बने मास्क के मुकाबले बेहतर सुरक्षा प्रदान करता है।
मुंबई, 14 जून। कोरोना वायरस महामारी ने देश-दुनिया में जैसा तांडव मचाया, उसने स्वास्थ्य विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों और दवा बनाने वाली कंपनियों को नए सिरे से सोचने पर मजबूर कर दिया है। इस संक्रमण से लोगों को काफी हद तक बचाने में मास्क ने अहम भूमिका निभाई और महामारी के दौरान यह सिद्ध हुआ कि मास्क जानलेवा संक्रमण से लोगों की जान बचाने में काफी हद तक मददगार है, इसलिए स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़ी कंपनियां अब और उन्नत किस्म के मास्क तैयार करने में लगी हुई हैं, जो लोगों को और बेहतर सुरक्षा दे सकें। इसी क्रम में पुणे स्थित एक स्टार्ट-अप कंपनी थिंकर टेक्नोलॉजीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने 3डी प्रिंटेट मास्क बनाया है कंपनी का दावा है कि यह मास्क एन-95, 3-प्लाई और कपड़े से बने मास्क के मुकाबले बेहतर सुरक्षा प्रदान करता है। ये मास्क संक्रमणरोधी तकनीक से लैस हैं जिसे आम तौर पर विषाणुनाशक कहा जाता है।
कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई के हिस्से के रूप विषाणुनाशक मास्क का व्यवसायीकरण करना भारत सरकार के एक सांविधिक निकाय, प्रौद्दोगिकी विकास बोर्ड (TDB) की शुरुआती परियोजनाओं में से एक है। टीडीबी ने कोरोना वायरस से बचाव के उपाय के हिस्से के तौर पर इस परियोजना को मई 2020 में आर्थिक मदद भी दी थी जिसके बाद 8 जुलाई 2020 को इस तरह के मास्क बनाने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर भी किए गए थे। 2016 में बनी इस कंपनी ने दावा किया है कि यह मास्क अन्य एन-95, 3-प्लाई और कपड़े से बने मास्कों की तुलना में बेहतर सुरक्षा प्रदान करता है।
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कंपनी के संस्थापक निदेशक डॉ. शीतलकुमार ज़म्बद ने कहा कि हमने महामारी के शुरुआती दौर में ही इस तरह की तकनीक पर विचार करना शुरू कर दिया था। हमें इस बात का आभास हो चुका था कि मास्क इस तरह के संक्रमण से लोगों को बचाने में अहम भूमिका निभाएगा। लेकिन हमने साथ में यह भी पाया कि जिन मास्कों तक लोगों की पहुंच है उनमें से ज्यादातर मास्क बेहतर गुणवत्ता के नहीं हैं। जिसने हमें बेहतर क्वालिटी और बेहतर दाम वाले मास्क बनाने पर मजबूर किया। ये मास्क विषाणुनाशक तकनीक से लैस हैं जो अन्य मास्क के मुकाबले व्यक्ति को बेहतर सुरक्षा प्रदान करते हैं।
परीक्षण में सामने आए बेहतर परिणाम
कंपनी के मुताबिक मास्क पर की गई विषाणुनाशक कोटिंग के परीक्षण के दौरान बेहतर परिणाम सामने आये। इसने SARS-COV-2 के खिलाफ बेहतर परिणाम दिये। मास्क की कोटिंग के लिए सोडियम ओलोफिन सल्फोनेट आधारित सामग्री का इस्तेमाल किया गया है।
रीयूजेबल
हैं
मास्क
कंपनी
के
मुताबिक
इन
मास्क
का
प्रयोग
एक
से
ज्यादा
बार
किया
जा
सकता
है
और
इनके
फिल्टर्स
को
भी
3-डी
प्रिटिंग
के
इस्तेमाल
से
बनाया
गया
है।
इसके
अलावा
इस
मास्क
की
जीवाणुरोधी
क्षमता
भी
95%
प्रतिशत
से
अधिक
है।
कंपनी के संस्थापक निदेशक डॉ. ज़म्बद ने कहा कि कंपनी ने 3-डी मास्क के पेटेंट के लिए आवेदन दे दिया है और बेचने के मकसद इनका उत्पादन भी शुरू हो चुका है। अब तक इस तरह के 6 हजार मास्क एक एनजीओ द्वारा नंदुरबार, नासिक और बेंगलुरू के चार सरकारी अस्पतालों को वितरित किए गए हैं।