बॉम्बे हाईकोर्ट ने दिए अर्जुन रामपाल की गर्लफ्रेंड के भाई अगिसिलोस डेमेट्रियड्स को रिहा करने के आदेश
Agisilaos demetriades latest news: बॉलीवुड एक्टर अर्जुन रामपाल की गर्लफ्रेंड गैब्रिएला के भाई अगिसिलोस डेमेट्रियड्स को मुंबई पुलिस ने कुछ महीने पहले हिरासत में लिया था। वहीं, उससे पहले ड्रग्स केस में अगिसिलोस डेमेट्रियड्स को NCB ने भी गिरफ्तार किया था। अब अदालत ने अगिसिलोस डेमेट्रियड्स को रिहा करने के आदेश दिए हैं। दरअसल, इस मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट में जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस पीके चव्हाण की बेंच ने यह पाया कि, आरोपी अगिसिलोस डेमेट्रियड्स हिरासत में लेने के आधार हिंदी में थे, जिसे वो समझ नहीं पा रहा था।

न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण की पीठ ने कहा, "जब आरोपी को हिरासत में लिया गया, तो हिंदी भाषा का प्रयोग किया गया था, जिसे वो समझ नहीं पा रहा था। और, रिकॉर्ड में ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे यह संकेत मिले कि उक्त विशेष दस्तावेज/कथन का अनुवाद और व्याख्या उस भाषा में की गई थी, जिसे वह समझता हो, "
बता दें कि, अगिसिलाओस डेमेट्रियड्स को अप्रैल 2022 से नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने हिरासत में लिया था। उन पर नारकोटिक एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट (PITNPSA) में आरोप था। उससे पहले एनसीबी ने 2020 में आरोपी को 0.8 ग्राम हशी/चरस के साथ गिरफ्तार किया था। उसके बाद जांच एजेंसी ने आरोपी के घर से 15 टेबल एल्प्रैक्स भी बरामद की। बाद में एक महीने के बाद उन्हें जमानत दे दी गई और सितंबर 2021 में राजस्व विभाग (PITNDPS Unit) द्वारा नजरबंदी के आदेश दिए गए।
एडवोकेट कुशल मोर के माध्यम से हाईकोर्ट में इसे चुनौती देते हुए, आरोपी ने कहा कि विदेशी नागरिक होने के कारण उसे हिंदी का कोई ज्ञान नहीं था। इस वजह से, वह हिंदी पढ़-लिख या समझ नहीं सकता था और उसे हिरासत में लेने के लिए जिन दस्तावेजों पर भरोसा किया गया था, वे हिंदी में थे और इसका कोई अनुवाद उपलब्ध नहीं कराया गया था। उसके परिणामस्वरूप याचिकाकर्ता एक प्रभावी और पूर्ण प्रतिनिधित्व करने से अक्षम हो गया', यह तर्क दिया गया।

अगिसिलोस डेमेट्रियड्स के मामले में एनसीबी के वकील, श्रीराम शिरसत ने तर्क दिया था कि याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व एक वकील ने किया था जिसने हिंदी दस्तावेजों का अनुवाद उस भाषा में किया था जिसे याचिकाकर्ता समझता था।
वहीं, अदालत ने पंचनामा से नोट किया कि आरोपी ने पंचनामे के पन्नों पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया था, स्पष्ट रूप से यह कहते हुए कि 'मुझे 22/04/22 को इस दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया जा रहा है।'
आरोपी के इस बयान ने एनसीबी के तर्क को गलत साबित कर दिया, और आखिर में हाईकोर्ट की बेंच ने यह निष्कर्ष निकाला कि "उपरोक्त दस्तावेज कहीं भी यह स्पष्ट नहीं करते हैं कि किसी विशेष भाषा से बंदी को उसकी सामग्री को समझने के लिए बनाया गया हो। यानी, जो विदेशी आरोपी को हिरासत में ले, तब उसकी ही भाषा का प्रयोग किया जाना चाहिए, जिसे वह समझता हो।," उसके अगले दिन दायर एक अन्य पंचनामे में, अदालत ने कहा कि आरोपी ने दावा किया है कि उसने सभी दस्तावेज प्राप्त कर लिए हैं और सभी सामग्री को समझ लिया है, लेकिन उस पर विश्वास करना कठिन लग रहा था क्योंकि एक महत्वपूर्ण दस्तावेज हिंदी में था।
महत्वपूर्ण दस्तावेज एक ड्रग पेडलर का बयान था, जिसने दो मौकों पर आरोपी को गांजा की आपूर्ति करने का दावा किया था। इस पर अदालत ने कहा, "यह कथन अनिवार्य रूप से हिंदी भाषा में है। रिकॉर्ड में ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे यह संकेत मिले कि इस विशेष दस्तावेज/कथन का अनुवाद और व्याख्या उस भाषा में की गई थी, जिसे वह समझता था,"
अदालत ने आगे कहा कि केवल यह कहना कि पंचनामा में ट्रांसलेशन था, एक अप्रमाणित कथन था और अधिकारियों को एक हलफनामे पर ऐसा ही कहना चाहिए था।' ऐसी टिप्पणियों के साथ, अदालत ने सितंबर 2021 के नजरबंदी आदेश को रद्द करने का फैसला लिया और निर्देश दिया कि आरोपी को तुरंत रिहा किया जाए।
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