अद्भुत : इस गौशाला में गोत्र विधि का होता है पालन, एक गाय की बछिया और बछड़े को भाई बहन के रूप में देखा जाता है
Amazing Gaushala In Mirzapur : गौशाला में गोत्र विधि का पालन होता है, जहां पर एक गाय की बछिया और बछड़े को भाई और बहन के रूप में देखा जाता है। जिस सांड से गाय का गर्भाधान हुआ है, वह बछड़ा पिता के सामान होता है।
हिंदू धर्म में आमतौर पर समान गोत्र में शादी नहीं किया जाता है। उत्तर भारत में हिंदू जातियों में इसको लेकर काफी कठिन नियम भी प्रचलन में है। प्राचीन समय से ही एक गोत्र में जन्म लेने वाले लड़के और लड़की के बीच में भाई बहन का रिश्ता माना जाता है। एक गोत्र और एक कुल में शादी विवाह के बारे में बात करना भी पाप के समान होता है। मिर्जापुर के चुनार में स्थित एक गौशाला में इस धर्म का पालन किया जा रहा है। गौशाला के नियम जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे।
मॉडल
गौशाला
बनाने
के
लिये
हो
रहा
है
कार्य
यूपी
के
मिर्ज़ापुर
में
चुनार
तहसील
क्षेत्र
के
रामबाग
में
सुरभि
शोध
संस्थान
के
द्वारा
नर्सरी
से
लेकर
इंटरमीडिएट
तक
की
कक्षाएं
संचालित
की
जा
रही
है।
संस्थान
के
द्वारा
वर्ष
2000
में
गौशाला
भी
बनवाया
गया
है,
जहां
पर
वर्तमान
समय
में
डेढ़
सौ
से
अधिक
गाय
और
बछड़े
मौजूद
हैं।
गौशाला
में
मौजूद
सभी
गाय
साहिवाल
नस्ल
की
है।
सबसे
बड़ी
बात
ये
है
कि
गौशाला
में
गोत्र
विधि
का
पालन
होता
है,
जहां
पर
एक
गाय
की
बछिया
और
बछड़े
को
भाई
और
बहन
के
रूप
में
देखा
जाता
है,
जहां
से
भविष्य
में
बछड़े
को
अन्य
गौशाला
में
भेज
दिया
जाता
है।
गौशाला
में
इस
बात
का
विशेष
तौर
पर
ध्यान
दिया
जाता
है
कि
बड़े
होने
पर
एक
ही
गाय
से
पैदा
हुए
बछड़े
से
बछिया
का
गर्भाधान
न
होने
पाए।
इसके
साथ
ही
जिस
सांड
से
गाय
का
गर्भाधान
हुआ
है,
वह
बछड़ा
पिता
के
सामान
होता
है,
ऐसे
में
इनसे
भी
गर्भाधान
को
गौशाला
में
निषेध
माना
जाता
है।
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संस्थान
के
प्रभारी
ने
कहा,
गाय
के
दूध
में
हुई
वृद्धि
संस्थान
के
प्रभारी
अमित
चतुर्वेदी
ने
बताया
कि
सगोत्रीय
नियम
गौशाला
में
पालन
करने
से
कई
तरह
के
फायदे
होते
हैं।
जैसे
एक
गाय
एक
बार
में
2
लीटर
दूध
देती
थी,
आज
उससे
पैदा
हुई
गाय
10
लीटर
से
ज्यादा
दूध
देती
है।
इसके
अलावा
किसी
भी
प्रकार
की
कोई
विकृति
भी
देखने
को
नही
मिलती
है।
अमित
चतुर्वेदी
ने
कहा
कि
गौशाला
को
एक
मॉडल
के
रूप
में
तैयार
करके
इसे
देश
के
सामने
रखना
चाहते
हैं।
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