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कौन हैं Yakub Qureshi, नींबू बेचने से लेकर मंत्री बनने तक का सफर कुछ यूं किया तय

Yakub Qureshi: बीएसपी सरकार में मंत्री रहे हाजी याकूब कुरैशी और उनके बेटे को मेरठ पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है। आइए जानते है कौन हैं हाजी याकूब कुरैशी...।

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Yakub Qureshi: बीएसपी सरकार में मंत्री रहे हाजी याकूब कुरैशी और उनके बेटे को मेरठ पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी बिना लाइसेंस के मीट पैकेजिंग और प्रोसेसिंग की फैक्ट्री चलाने के आरोप में हुई है। बता दें कि याकूब कुरैशी और उनके बेटे इमरान के ऊपर 50-50 हजार का इनाम घोषित था और दोनों पिछले काफी से फरार चल रहे थे। जिनकी तलाश मेरठ पुलिस को पिछले काफी वक्त से थी। आइए जानते है कौन हैं हाजी याकूब कुरैशी...।

कौन हैं हाजी याकूब कुरैशी?

कौन हैं हाजी याकूब कुरैशी?

हाजी याकूब कुरैशी, उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के सोहराबगेट पुलिस चौकी इलाके के रहने वाला हैं। 1980 के दशक में हाजी याकूब के सामने अपने परिवार पालने की बड़ी जिम्मेदारी थी। उस वक्त हाजी याकूब कुरैशी ने नींबू बेचना शुरू किया था। नींबू बेचने के साथ-साथ याकूब ने नगर निगम के पुराने कमेले में जाना शुरू किया। यहां से पशु कटान के कारोबार से याकूब जुड़े और कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। बता दें कि 30 सालों में याकूब कुरैशी के परिवार ने करोड़ों रुपए की संपत्ति अर्जित की है।

1990 में लिया था पशु कटान का ठेका

1990 में लिया था पशु कटान का ठेका

रिपोर्ट्स के मुताबित, साल 1990 में याकूब कुरैशी ने पहली बार पशु कटान का ठेका लिया। इसके बाद याकूब ने अपने परिवार को भी इस काम में उतार दिया। बताया जाता है कि इस काम से उनकी आमदनी लाखों में पहुंच गई और जिसके बाद हाजी याकूब कुरैशी ने मेरठ से हापुड़ के बीच हाईवे पर जमीन खरीद ली। अलीपुर के पास अल फईम मीटेकस प्राइवेट लिमिटेड के नाम से फैक्ट्री लगाई। इसके साथ ही याकूब ने हापुड़ रोड पर माई सिटी अस्पताल खरीदा, जो बिना लाइसेंस के चल रहा था।

याकूब के अस्पताल को सीएमओ ने किया था सील

याकूब के अस्पताल को सीएमओ ने किया था सील

माई सिटी अस्पताल बिना लाइसेंस के चल रहा था, जिसे 06 अप्रैल 2022 को मेरठ सीएमओ अखिलेश मोहन के आदेश पर सील कर दिया गया। इसके साथ याकूब ने छह साल पहले शास्त्री नगर में माई पब्लिक स्कूल के नाम से कॉलेज भी खड़ा कर दिया। इतना ही नहीं, याकूब कुरैशी साल 2006 में उस वक्त चर्चाओं में आए थे, जब उन्होंने मेरठ में एक रैली के दौरान पैगंबर मोहम्मद का कार्टून बनाने वाले कार्टूनिस्ट का सिर काटने वाले को 51 करोड़ रुपए इनाम देने की घोषणा की थी।

2002 में रखा राजनीति में कदम

2002 में रखा राजनीति में कदम

याकूब कुरैशी ने 2002 में राजनीति में कदम रखा और मेरठ समेत वेस्ट यूपी में मुस्लिम चेहरा बन गए। रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाजी याकूब कुरैशी 2002 और 2007 में विधायक बने। 2002 में वह खरखौदा सीट से बीएसपी के टिकट पर विधायक बने थे, जबकि 2007 में बीएसपी से टिकट नहीं मिलने पर यूपी यूडीएफ उम्मीदवार के तौर पर मेरठ शहर से चुनाव लड़े और जीत दर्ज की। हालांकि, बाद में वो एक बार फिर बीएसपी में चले गए थे।

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2012 में आरएलडी में हो गए थे शामिल

2012 में आरएलडी में हो गए थे शामिल

याकूब कुरैशी साल 2012 में आरएलडी में शामिल हो गए और विधानसभा चुनाव लड़ा। लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल सकी। इसके बाद 2019 में मेरठ लोकसभा और 2014 में मुरादाबाद लोकसभा से चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें जीत हासिल नहीं हुई। हालांकि, पूर्व मंत्री और पूर्व विधायक की हैसियत से हाजी याकूब कुरैशी राजनीति में सक्रिय रहे।

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English summary
Who is Yakub Qureshi, the journey from selling lemons to becoming a minister
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