रिहा हो चुके डॉ कफील खान बोले- 'STF का धन्यवाद, मुंबई से लाते समय नहीं किया मेरा एनकाउंटर'
मथुरा। डॉक्टर कफील खान को करीब आठ महीने बाद मंगलवार देर रात मथुरा जिला जेल से रिहा कर दिया गया। ये रिहाई इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के बाद हुई। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने डॉक्टर कफील खान को सशर्त जमानत देते हुए कहा कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में दिया गया कफील खान का भाषण हिंसा को बढ़ावा देने वाला नहीं, बल्कि आपसी एकता को बढ़ावा देने वाला था। कफील खान के जेल रिहाई के बाद उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर जमकर निशाना साधा।
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कफील खान देर रात हुए जेल से रिहा
डॉ कफील खान पर अलीगढ़ प्रशासन की ओर से लगाए गए एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) को हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर की बेंच ने रद्द कर दिया है। साथ ही कफील को तत्काल जेल से जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया गया था। हालांकि देर शाम तक अलीगढ़ ज़िला प्रशासन की ओर से रिहाई संबंधी कोई ऑर्डर मथुरा जेल नहीं भेजे जाने से रिहाई अटकी हुई थी। मध्य रात्रि में मथुरा जेल पहुंचे रिहाई के ऑर्डर के बाद डॉ कफ़ील को रिहा किया गया।
जुडिशरी का किया धन्यवाद
डॉ कफील खान जब जेल से बाहर आए तो उस वक्त उनके भाई के साथ ही पूर्व कांग्रेस विधायक प्रदीप माथुर भी मौजूद रह। जेल से बाहर आकर डॉ. खान ने मीडियाकर्मियों व अन्य लोगों का राधे-राधे कहकर अभिनंदन किया। इतना ही नहीं, कफील खान ने प्रशासन और योगी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने राज्य सरकार पर प्रताड़ित करने का आरोप भी लगाया। डॉक्टर कफील ने कहा, 'मैं जुडिशरी का बहुत शुक्रगुजार हूं, जिन्होंने इतना अच्छा ऑर्डर दिया है। सभी 138 करोड़ देशवासियों का धन्यवाद और उन लोगों का धन्यवाद जिन्होंने संघर्ष में मेरा साथ दिया।'
झूठे केस थोपे, 5 दिन बिना खाना-पानी के रखा: कफील
कफील ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, 'आदेश में उन्होंने लिखा है उत्तर प्रदेश सरकार ने एक झूठा बेसलेस केस मेरे ऊपर थोपा। बिना बात के ड्रामा करके केस बनाए गए और 8 महीने तक इस जेल में रखा। इस जेल में मुझे पांच दिन तक बिना खाना, बिना पानी दिए मुझे प्रताड़ित किया गया। मैं उत्तर प्रदेश के एसटीएफ को भी धन्यवाद दूंगा, जिन्होंने मुंबई से मथुरा लाते समय मुझे एनकाउंटर में मारा नहीं है।'
'राजा को 'राज धर्म' के लिए कार्य करना चाहिए'
कफीन खान ने कहा, 'उत्तर प्रदेश सरकार 'राज धर्म' निभाने के बजाय 'बाल हठ' में लगी रही। यूपी सरकार अब मुझे किसी और मामले में फंसाकर गिरफ्तार कर सकती है। मैं हमेशा अपने उन सभी शुभचिंतकों का आभारी रहूंगा, जिन्होंने मेरी रिहाई के लिए आवाज उठाई। प्रशासन मुझे रिहा करने के लिए तैयार नहीं था, लेकिन लोगों की दुआओं का नतीजा है कि आज मुझे रिहा किया गया। रामायण में महर्षि वाल्मीकि ने कहा था कि राजा को 'राज धर्म' के लिए कार्य करना चाहिए। लेकिन, उत्तर प्रदेश के अंदर राजा 'राज धर्म' का पालन करने के बजाय 'बाल हठ' कर रहे हैं।'