स्कूल बनवा दो या पार्क बनवा दो ! गौशाला नहीं बनने देंगे, मथुरा में स्थानीय लोगों ने किया विरोध
मथुरा में कुछ लोग सरकारी जमीन पर गौशाला के निर्माण का विरोध भी कर रहे हैं। महिलाओं की मांग है कि इस जमीन पर गौशाला का निर्माण नहीं कराया जाए, बल्कि यह बच्चों के पढ़ने के लिए स्कूल व घूमने के लिए पार्क की व्यवस्था की जाए।
आवारा पशु या छुट्टा जानवरों के चलते जो फसल की बर्बादी और बड़ी दुर्घटनाएं आम जनता को झेलने पड़ती है, उसके लिए भाजपा सरकार अब बड़े स्तर पर काम कर रही है। जहाँ एक तरफ उत्तर प्रदेश में गाय और मवेशियों को बेहतर आश्रय प्रदान करने के लिए योगी सरकार टीपीपी मॉडल पर बने गौ आश्रयों को शुरू करने की योजना बना रही है, गाय आश्रयों को अपनी आय उत्पन्न करने के लिए आत्मनिर्भर बनाने की बात कर रही है। वहीं मथुरा में कुछ लोग सरकारी जमीन पर गौशाला के निर्माण का विरोध भी कर रहे हैं।
स्कूल
बनवा
दो
या
मंदिर,
पर
गौशाला
नहीं
-
स्थानीय
महिलाएं
दरअसल,
पूरा
मामला
मथुरा
के
थाना
जमुनापार
क्षेत्र
के
अंतर्गत
सिद्धार्थ
नगर
कॉलोनी
का
है।
यहाँ
सरकारी
जमीन
पर
गौशाला
का
निर्माण
शुरू
किया
गया
है।
लेकिन
स्थानीय
लोगों
के
द्वारा
इसका
विरोध
किया
जा
रहा
है।
आज
दर्जनों
की
संख्या
में
महिलाओं
के
द्वारा
वहां
पर
चल
रहे
कार्य
का
विरोध
किया
गया।
महिलाओं
की
मांग
है
कि
इस
जमीन
पर
गौशाला
का
निर्माण
नहीं
कराया
जाए,
बल्कि
यह
बच्चों
के
पढ़ने
के
लिए
स्कूल
व
घूमने
के
लिए
पार्क
की
व्यवस्था
की
जाए।
उनका
कहना
है
कि
क्षेत्र
में
कोई
भी
बच्चों
की
पढ़ाई
के
लिए
विद्यालय
नहीं
है,
जिसके
चलते
दर्जनों
महिलाओं
के
द्वारा
विरोध
किया
गया।
महिलाओं
ने
कहा
कि
गौशाला
के
खुलने
से
यहां
गंदगी
भी
फैलेगी।
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स्थानीय
लोगों
ने
लगाए
कई
तरह
के
आरोप
वहीं
कुछ
स्थानीय
महिलाओं
ने
आरोप
लगाया
है
कि
जो
लोग
इस
जगह
पर
गौशाला
का
निर्माण
करवा
रहे
हैं।
वह
इस
जगह
पर
कब्ज़ा
करना
चाहते
हैं।
हालांकि,
बताया
जा
रहा
है
कि
यह
जमीन
ग्राम
पंचायत
की
है
और
प्रशासन
ही
इस
जमीन
पर
गौशाला
का
निर्माण
करवा
रहा
है।
वहीं
कुछ
लोगों
ने
इस
विरोध
पर
सवाल
भी
उठाया
है
और
कहा
है
कि
सरकार
अपनी
ही
जमीन
पर
कब्ज़ा
कर
रही
है,
ये
बात
ही
तर्कहीन
है।
दूसरी
ओर
महिलाएं
और
स्थानीय
लोग
कई
तरह
के
आरोप
लगाते
नजर
आए,
जैसे
क्षेत्र
में
गंदगी
बढ़
जाएगी,
हमारा
रास्ता
बंद
हो
जाएगा,
कब्ज़ा
हो
रहा
है
वगैरह-वगैरह।
उनका
बस
एक
ही
कहना
है
कि
हम
यहाँ
पर
गौशाला
नहीं
बनने
देंगे।
अब
देखने
वाली
बात
यह
होगी
कि
प्रशासन
इस
मुद्दे
पर
आगे
क्या
कार्यवाही
करता
है।