Mandla News: आदिवासी जिले मंडला की लड़की बनी प्रोफेशनल फुटबॉलर, गोकुलम क्लब केरला ने साइन किया कॉन्ट्रेक्ट
यदि हौसले बुलंद हो और जिंदगी में कुछ कर गुजरने का जुनून हो तो चाहे आप कितने भी पिछड़े इलाके से क्यों न हो, आपकी मेहनत आपको सबसे आगे खड़ा कर देती हैं। कामयाबी कुछ ऐसी ही इबारत मध्य प्रदेश के आदिवासी जिले की रहने वाली 17 साल की अंतरा धुर्वे ने लिखी है। तंग गरीबी वाले जिस गांव से लोग मजदूरी के लिए केरल जाते है, वही अंतरा ने प्रोफेशनल फुटबॉलर बनकर अब अपने पिता और पूरे जिले के साथ मप्र का नाम रोशन किया। फेमस गोकुलम फुटबॉल क्लब केरला ने तीन साल कॉन्ट्रेक्ट किया हैं।
जानिए कौन है अंतरा धुर्वें ?
अंतरा धुर्वे मध्यप्रदेश के आदिवासी जिले मंडला जिले के छोटे से गांव मोहगांव पतादेही की रहने वाली है। जिस गांव में चलने के आज भी पक्की सड़क नहीं है और लोगों की जिंदगी झोपड़ी-कच्चे मकानों में बसी हैं, उन्ही रास्तों से निकलकर अंतरा कामयाबी की मंजिल तक पहुंच रही है। उम्र महज 17 साल है और जिस स्कूल में पढ़ाई की, वहां भी बुलंदी के झंडे ही गाड़े। मोहगांव में नर्मदा वैली फुटबॉल एकेडमी 110 छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षण दे रहा है। जिसमें 60 छात्राएं शामिल है। उनमें से अंतरा एक है।
किसान-मजदूर की बेटी है अंतरा
अंतरा के पिता कोई दौलतमंद नहीं है। न ही पढ़े-लिखे और किसी खेल प्रति ज्यादा समझ रखने वाले। पिता रणमत सिंह धुर्वे किसी तरह घर चलाने के लिए किसानी करते है और बाकी वक्त में मजदूरी। वह अपने आप में आजतक इस बात का एहसास तक नहीं कर पाए कि बेटी ने 12 वीं की पढ़ाई कैसे और कब पूरी कर ली। फुटबॉल में रूचि होने पर अंतरा को एकेडमी में प्रशिक्षण लेने की जरुर परमीशन देने में दिलचस्पी दिखाई। रणमत सिंह ने भी सपने में नहीं सोचा था कि इतने जल्दी उनकी बेटी कामयाबी हासिल कर लेगी।
देश के सबसे बड़े फुटबॉल क्लब ने किया कॉन्ट्रेक्ट
भारत के फुटबॉल क्लबों में केरल का गोकुलम फुटबॉल क्लब सबसे बड़ा माना जाता हैं। पिछले साल 2021 में इंडियन वूमेन लीग का चैंपियन रहा। इसी क्लब ने अंतरा के साथ अगले तीन साल के लिए कॉन्ट्रेक्ट साइन किया हैं। मृदा एजुकेशन वेलफेयर सोसाइटी की अध्यक्ष प्रिया नादकरनी और सचिव दिग्विजय सिंह का दावा है कि अंतरा मप्र की पहली प्रोफेशनल फुटबॉलर है। जिसने महाराष्ट्र टीम के लिए टॉप 30 में जगह बनाई थी। आने वाले दिनों में सब कुछ ठीक रहा तो बहुत जल्द अंतरा देश के लिए ब्लू जर्सी पहनी भी नजर आएंगी।
अंतरा एकेडमी को दे रही श्रेय
अपनी कामयाबी के लिए अंतरा ने प्रशिक्षण देने वाली एकेडमी को श्रेय दिया हैं। उसका कहना है कि वह जिस जिले और गांव से वास्ता रखती है, वह पिछड़ा है। कॉम्पटीशन के दौर में आगे भाग रही दुनिया में ऐसी जगहों खासकर गांव के स्टूडेंट्स की अनदेखी की जाती है। लेकिन फुटबॉल के प्रति दिलचस्पी बढ़ाने में उनकी एकेडमी ने एक फैमली जैसा माहौल दिया। यही वजह है कि सीखते गए और केरल के क्लब के साथ कॉन्ट्रेक्ट साइन हुआ।
फीफा वर्ल्ड कप में भी इसी जिले की शेफाली
कतर में चल रहे फीफा वर्ल्ड कप में भी इसी मंडला जिले के नैनपुर की शेफाली मध्य प्रदेश का नाम रोशन कर रही है। शानदार गायकी के अंदाज की बदौलत शेफाली को कतर में पहुंचने का मौका मिला। वहां चल रहे फुटबॉल मैच के दौरान 13 शो में वह अपनी प्रस्तुति दे रही है।
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