महाराष्ट्र में उद्धव गुट को एक और झटका, शिवसेना प्रवक्ता शीतल म्हात्रे शिंदे गुट में हुईं शामिल
मुंबई, 12 जुलाई: महाराष्ट्र में अभी भी सियासी ड्रामा जारी है। जिस वजह से शिवसेना के नेता लगातार गुट बदल रहे हैं। मंगलवार को महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे को एक और झटका लगा, जहां पार्टी की प्रवक्ता और मुंबई की पूर्व पार्षद शीतल म्हात्रे ने एकनाथ गुट का दामन थाम लिया। शीतल मुंबई से शिवसेना की पहली पूर्व पार्षद हैं, जिन्होंने खुले तौर पर शिंदे गुट के समर्थन की घोषणा की है। वो 2012 और 2017 में उत्तरी मुंबई के उपनगरीय दहिसर में वार्ड नंबर-7 का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं।
जानकारी के मुताबिक म्हात्रे मंगलवार रात को शिवसेना के कुछ कार्यकर्ताओं के साथ सीएम के आवास पर गई थीं। वहां पर एकनाथ शिंदे से मुलाकात के बाद उन्होंने समर्थन का ऐलान किया। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने अलीबाग-पेन क्षेत्र के लिए म्हात्रे को 'संपर्क संघटक' (समन्वयक) नियुक्त किया था। बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के चुनाव अगले कुछ ही महीनों में होने वाले हैं। अभी तक बीएमसी की 'चाबी' उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के पास थी।
शिवसेना का कांग्रेस-NCP से मोहभंग! भाजपा के साथ लौटने को मजबूर हुए उद्धव ?
शिवसेना
के
सांसद
किसके
साथ?
वहीं
दूसरी
ओर
सोमवार
को
शिवसेना
के
सांसदों
ने
उद्धव
ठाकरे
के
साथ
बैठक
की।
इस
बैठक
में
राष्ट्रपति
चुनाव
को
लेकर
चर्चा
हुई।
वैसे
तो
एनसीपी
और
कांग्रेस
से
उद्धव
का
गठबंधन
अभी
टूटा
नहीं
है,
ऐसे
में
उन
पर
विपक्ष
के
उम्मीदवार
यशवंत
सिन्हा
का
समर्थन
करने
का
दबाव
था,
लेकिन
ज्यादातर
सांसदों
ने
एनडीए
उम्मीदवार
द्रौपदी
मुर्मू
के
समर्थन
की
मांग
की।
उद्धव
गुट
अभी
सांसदों
की
बगावत
झेलने
के
मूड
में
नहीं
है,
इस
वजह
से
मंगलवार
को
मुर्मू
के
समर्थन
का
ऐलान
कर
दिया
गया।
वहीं
सांसदों
ने
बैठक
में
बीजेपी
के
साथ
अनबन
दूर
करने
का
सुझाव
दिया।
सभी
ने
एक
स्वर
में
कहा
कि
वो
उद्धव
ठाकरे
के
साथ
हैं,
लेकिन
बीजेपी
के
बिना
2024
के
चुनाव
में
जीतना
मुश्किल
हो
जाएगा।