मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह को बड़ी राहत, ठाणे कोर्ट से इन शर्तों पर गैर-जमानती वारंट रद्द
ठाणे, 26 जनवरी: मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह को जबरन उगाही के एक मामले में बड़ी राहत मिल गई है। ठाणे की एक अदालत ने उनके खिलाफ जारी गैर-जमानती वारंट रद्द कर दिया है। इससे पहले वे संबंधित पुलिस स्टेशन में पेश होकर अपना बयान दर्ज करवाया। हालांकि, अदालत ने उनसे कहा है कि वह जांच में ठाणे पुलिस के साथ सहयोग करेंगे। उन्हें 15,000 रुपये का निजी मुचलका जमा करने को भी कहा गया है। उनके खिलाफ जबरन उगाही के मामले में यह गैर-जमानती वारंट भी ठाणे कोर्ट से ही जारी किया गया था।
परमबीर
सिंह
के
खिलाफ
गैर-जमानती
वारंट
रद्द
मुंबई
से
सटे
ठाणे
की
एक
कोर्ट
ने
जबरन
वसूली
के
एक
मामले
में
मुंबई
पुलिस
के
पूर्व
कप्तान
परमबीर
सिंह
को
बहुत
बड़ी
राहत
दी
है।
कोर्ट
ने
शुक्रवार
(26
नवंबर,2021)
को
उनकी
पेशी
के
बाद
उनके
खिलाफ
जारी
गैर-जमानती
वारंट
कैंसिल
कर
दिया
है।
गैर-जमानती
वारंट
रद्द
करते
हुए
कोर्ट
ने
उन्हें
निर्देश
दिया
है
कि
वह
जांच
में
ठाणे
पुलिस
के
साथ
सहयोग
करेंगे
और
जब
भी
बुलाया
जाएगा
वह
पुलिस
के
सामने
पेश
होंगे।
उनसे
कोर्ट
ने
15,000
रुपये
का
पर्सनल
बॉन्ड
भरने
को
भी
कहा
है।
अदालत
ने
उनके
खिलाफ
यह
गैर-जमानती
वारंट
दो
बिजनेसमैन
केतन
तन्ना
और
सोनू
जलान
की
और
दर्ज
कराई
गई
एफआईआर
के
आधार
पर
जारी
किया
था।
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ठाणे
पुलिस
के
सामने
बयान
दर्ज
इससे
पहले
पूर्व
पुलिस
कमिश्नर
और
डायरेक्टर
होम
गार्ड
परमबीर
सिंह
शुक्रवार
सुबह
ठाणे
नगर
पुलिस
स्टेशन
में
अपना
बयान
दर्ज
करवाने
के
लिए
पहुंचे
थे।
उनके
खिलाफ
27
और
लोगों
के
साथ
कथित
उगाही
का
केस
दर्ज
है।
वह
सुबह
10.30
ही
अपने
वकील
के
साथ
थाने
पहुंच
गए
थे
और
पुलिस
इंस्पेक्टर
रैंक
के
एक
ऑफिसर
के
सामने
अपना
बयान
रिकॉर्ड
करवाना
शुरू
कर
दिया।
उनके
खिलाफ
यह
एफआईआर
इसी
साल
30
जुलाई
को
दर्ज
करवाई
गई
थी।
उनके
अलावा
ठाणे
पुलिस
में
उनके
साथ
काम
कर
चुके
एनकाउंटर
स्पेशलिस्ट
प्रदीप
शर्मा
और
गैंगस्टर
रवि
पुजारी
भी
इस
केस
में
नामजद
हैं।
जबरन
उगाही
का
है
आरोप
शिकायतकर्ता
केतन
का
आरोप
है
कि
उसे
किडनैपिंग
के
एक
केस
में
गलत
तरीके
से
फंसाया
गया
और
फिर
प्रदीप
शर्मा
और
दूसरे
पुलिस
वालों
ने
उसका
नाम
इस
केस
हटाने
के
लिए
पैसों
की
उगाही
की
कोशिशें
शुरू
कर
दीं।
एफआईआर
के
अनुसार
तन्ना
का
कंस्ट्रक्शन
का
कारोबार
है।
उसका
आरोप
है
कि
उसकी
पत्नी
और
बेटे
ने
एक
आरोपी
को
इंस्टॉल्मेंट
में
1.25
करोड़
रुपये
दिए।
इस
उगाही
के
मामले
में
दो
आरोपियों
की
पहचान
तारीक
परवीन
और
संजय
पुनमिया
के
तौर
पर
हुई
है
और
उनकी
गिरफ्तारी
हो
चुकी
है।
तारिक
को
आतंकी
दाऊद
इब्राहिम
के
एक
गैंगस्टर
का
गुर्गा
बताया
जाता
है।
वहीं
बिजनेसमैन
सोनू
जलान
ने
महाराष्ट्र
के
डीजीपी
को
खत
लिखकर
परम
बीर
सिंह
और
कुछ
और
पुलिस
वालों
पर
3.45
करोड़
रुपये
की
उगाही
का
आरोप
लगाया
है।