बागी विधायकों ने सरकार से हम समर्थन वापस लिया, अल्पमत में उद्धव सरकार
मुंबई, 27 जून। महाराष्ट्र में चल रहे सियासी संग्राम सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। जिस तरह से विधानसभा के डिप्टी स्पीकर ने शिवसेना के 16 बागी विधायकों को अयोग्यता को लेकर नोटिस जारी किया, उसके बाद बागी विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इस बीच बड़ी खबर यह सामने आई है कि बागी विधायकों ने अपनी याचिका में कहा है कि हमने महाविकास अघाड़ी की सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। ऐसे में दावा किया गया है कि महाविकास अघाड़ी सरकार अल्पमत में है। हालांकि यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या सुप्रीम कोर्ट इसपर कुछ टिप्पणी करेगा।
बागी विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में जो याचिका दायर की है उसमे कहा गया है कि हमने महाविकास अघाड़ी सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। विधायकों का कहना है कि हम महाविकास अघाड़ी को अपना समर्थन नहीं दे रहे हैं, उद्धव सरकार मनमाने फैसले कर रहा है। हालांकि इस पूरे मामले पर हर किसी की सुप्रीम कोर्ट पर नजर है। डिप्टी स्पीकर ने 27 जून तक विधायकों को नोटिस जारी करके जवाब मांगा था। यही वजह है कि विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके सुप्रीम कोर्ट से अपील करके कहा था कि जबतक मामले की सुनवाई होती है तबतक डिप्टी स्पीकर कोई फैसला ना लें। बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीट हैं, लेकिन शिवसेना के एक विधायक की मृत्यु के बाद 287 विधायक बचे हैं। लिहाजा सरकार बनाने के लिए 144 विधायकों के समर्थन की जरूरत है।
वहीं दूसरी तरफ शिवसेना के नेता संजय राउत को ईडी का नोटिस मिला है। ईडी ने संजय राउत को 28 जून को पेश होने को कहा है। बता दें कि यह मामला पिछले 5-6 महीने से चल रहा है। अवैध संपत्ति के मामले में ईडी संजय राउत के खिलाफ जांच रही है। ईडी ने कहा कि प्रवीन राउत किसी राजनीतिक व्यक्ति के इशारे पर काम कर रहे हैं। ईडी पहले ही कई अलग-अलग संपत्ति को इस मामले में अटैच कर चुकी है। वहीं ईडी के नोटिस पर शिवसेना की प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा की ईडी ने भाजपा के साथ अपनी भक्ति साबित की है।