एल्गार परिषद केस: बॉम्बे हाईकोर्ट का स्टेन स्वामी को 5 जुलाई तक अस्पताल में ही रखने का आदेश
एल्गार परिषद केस: बॉम्बे हाईकोर्ट का स्टैन स्वामी को 5 जुलाई तक अस्पताल में ही रखने का आदेश
मुंबई, 17 जून: बॉम्बे हाईकोर्ट ने एल्गार परिषद-माओवादी लिंक मामले में आरोपी मानवाधिकार कार्यकर्ता और पादरी स्टेन स्वामी की अस्पताल में रहने की अवधि को बढ़ा दिया है। गुरुवार को अदालत ने निर्देश दिया है कि स्वामी को मुंबई के एक निजी अस्पताल में ही 5 जुलाई तक इलाज के लिए रखा जाए, जहां वो फिलहाल भर्ती हैं। कोर्ट ने ये आदेश स्वामी की मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर दिया है, जिसमें कहा गया है कि उनके स्वास्थ में कोई खास सुधार नहीं है और उनकी हालत अभी भी नाजुक है। ऐसे में अदालत ने कहा कि स्वामी को अभी जेल वापस ना भेजा जाए बल्कि उनको अस्पताल में ही डॉक्टरों की निगरानी में रखा जाए।
84 साल के स्टेन स्वामी ने अपने स्वास्थ्य के आधार पर कोर्ट से जमानत मांगी थी। जिसके बाद 28 मई को उनको नवी मुंबई में स्थित तलोजा जेल से शहर के ही एक निजी अस्पताल होली फैमिली अस्पताल लाया गया था। जहां उनको कोरोना संक्रमित भी पाया गया था। 28 मई के बाद से वो यहीं भर्ती हैं। अदालत ने 10 जून को कहा था कि 18 जून तक स्वामी को अस्पताल में भर्ती रखा जाए और मामले की सुनवाई के लिए 17 जून की तारीख दी थी। इसके बाद आज अदालत ने उनके स्वास्थ्य को देखते हुए 5 जुलाई तक उन्हें अस्पताल में ही रखने को कहा है। बता दें कि स्टेन स्वामी पार्किंसन की बीमारी से पीड़ित हैं।
स्टेन स्वामी एल्गार परिषद-माओवादी संपर्क मामले में आरोपी हैं और वह अक्टूबर, 2020 में गिरफ्तारी के बाद से तलोजा जेल में बंद हैं। एनआईए ने स्टेन स्वामी पर 2018 के भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में शामिल होने और नक्सलियों के साथ संबंध होने के आरोप लगाए हैं। उनके ऊपर गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए भी लगाया गया है।
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पुणे के पास भीमा कोरेगांव में एक युद्ध स्मारक के पास एक जनवरी 2018 को हिंसा भड़की थी। इसके एक दिन पहले ही पुणे शहर में एल्गार परिषद का सम्मेलन हुआ था। एनआईए का आरोप है कि एल्गर परिषद के एक कार्यक्रम में भड़काऊ भाषण दिए गए थे। जिसमें स्टेन भी शामिल थे।