औरंगजेब का मकबरा हुआ बंद, औरंगाबाद में ASI ने क्यों उठाया ये कदम ? जानिए
औरंगाबाद, 19 मई: महाराष्ट्र के औरंगाबाद में स्थित मुगल तानाशाह औरंगजेब के मकबरे को पांच दिनों के लिए बंद कर दिया गया है। यह फैसला भारतीय पुरातत्व संरक्षण ने लिया है, जो इसे पुरातत्व महत्त्व की जगह मानते हुए इसकी देख-रेख करता है। हाल ही में एआईएमआईएम के नेता अकबरुद्दीन ओवैसी ने अपनी पार्टी के नेताओं के साथ इस जगह का दौरान किया था, जिसको लेकर महाराष्ट्र की राजनीति में नया विवाद शुरू हो गया था। इसके बाद महाराष्ट्र नव निर्माण सेना के एक प्रवक्ता ने इस मकबरे के होने पर भी सवाल उठाया था और कहा था कि शिवाजी की धरती पर इसे रहने का कोई मतलब नहीं है। इसके बाद इसकी सुरक्षा बहुत सख्त कर दी गई थी और अब जाकर एएसआई ने इसपर ताला ही लगा दिया है।
राज ठाकरे की पार्टी के बयान के बाद किया बंद
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रवक्ता गजानन काले ने दो दिन पहले ही बर्बर मुस्लिम शासक औरंगजेब की कब्र का अस्तित्व कायम रहने पर सवाल उठाया था और गुरुवार को आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने मुगल बादशाह के मकबरे पर ताला लगा दिया है। मंगलवार को एमएनएस प्रवक्ता काले ने एक ट्वीट किया था कि इसे जमींदोज कर दिया जाना चाहिए। एमएनएस नेता की यह टिप्पणी एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी के छोटे भाई अकबरुद्दीन ओवैसी की उसके कब्र पर जाने के बाद आई थी। ओवैसी के ऐसा करने पर विपक्ष के साथ-साथ शिवसेना ने भी आपत्ति जताई थी।
औरंगजेब के मकबरे की सुरक्षा पहले ही बढ़ा दी गई थी
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिकारियों के मुताबिक औरंगाबाद जिले में स्थित औरंगजेब के मकबरे को पांच दिनों के लिए बंद किया गया है। दरअसल, बुधवार को इलाके की मस्जिद कमिटी इन इस स्थान को बंद करने की कोशिश की थी, जिसके बाद एएसआई ने इसे बंद किया है। इससे पहले मनसे नेता के ट्वीट के बाद औरंगाबाद के खुलदाबाद स्थित एएसआई संरक्षित स्मारक की सुरक्षा काफी बढ़ा दी गई थी। औरंगाबाद ग्रामीण पुलिस और एएसआई ने किसी तरह की अप्रिय घटना को टालने के लिए दरगाह में घुसने वाले हर व्यक्ति की पुख्ता जांच शुरू कर दी थी।
पुलिस और मस्जिद कमिटी के कहने पर हुआ बंद
लेकिन, मस्जिद कमिटी और पुलिस वाले लगातार एएसआई अधिकारियों से कह रहे थे कि कुछ दिनों के लिए मकबरे को बंद कर दें, जिसके बाद एएसआई ने ये कदम उठाया है। एएसआई के औरंगाबाद के सर्किल सुप्रीटेंडेंट मिलन कुमार चौले ने मकबरा बंद करने की पुष्टि की है और कहा है कि ऐसा मस्जिद कमिटी और पुलिस के अनुरोध पर गुरुवार से पांच दिनों के लिए किया गया है। वैसे औरंगाबाद ग्रामीण पुलिस के एक अधिकारी के मुताबिक, 'स्मारक वाली जगह पर हालात नियंत्रण में हैं और कोई भी अप्रिय घटना नहीं हुई है। हालांकि, एहतियात के तौर पर टूरिस्ट के लिए मकबरे को बंद किया गया है।' (पहली तस्वीर सौजन्य: एएसआई, दूसरी और तीसरी यू ट्यूब वीडियो से)
मनसे की चुनौती के सामने झुकी उद्धव सरकार ?
इससे पहले राज ठाकरे की पार्टी के प्रवक्ता ने अपने ट्वीट में कहा था कि शिवाजी की जमीन पर औरंगजेब की कब्र की आवश्यकता है क्या? उन्होंने कहा था कि इसे खत्म कर दिया जाए ताकि इनकी औलादों को यहां सिर झुकाने मौका ना मिले। उन्होंने उद्धव ठाकरे की सरकार को भी ललकारा था कि बाला साहेब को भी आप सुनेंगे कि नहीं। गौरतलब है कि लाउडस्पीकर विवाद के बीच मनसे का यह रवैया एक नए राजनीतिक विवाद की ओर संकेत कर रहा था।
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अकबरुद्दीन ओवैसी ने कब्र पर चढ़ाई थी चादर
दरअसल पिछले हफ्ते ही तेलंगाना के एआईएमआईएम विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी ने औरंगजेब की कब्र पर जाकर फूल और चादर चढ़ाया था। इसके बाद भाजपा, मनसे के अलावा शिवसेना ने भी उनकी जमकर आलोचना की थी। बीजेपी ने तो उनपर मुकदमा करने तक की मांग की थी। जबकि, एनसीपी चीफ शरद पवार ने हैरानी जताते हुए कहा था कि क्या यह सब शांतिपूर्ण महाराष्ट्र में नया विवाद खड़ा करने के लिए किया जा रहा है।