मैं राम नहीं कि मेरे दलितों के घर भोजन करने से वे पवित्र हो जाएं: उमा भारती
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भोपाल। केंद्र सरकार में मंत्री उमा भारती का कहना है कि वो दलितों के घर जाकर भोजन नहीं करती हैं क्योंकि वो कोई भगवान राम नहीं हैं कि उनके खाना खाने से वो (दलित) पवित्र हो जाएंगे। मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के नौगांव में सामाजिक समरसता भोज में शामिल होने गई उमा भारती ने यहां ये बातें कहीं। नौगांव में भाजपा नेता दलितों के घर खाना खाने पहुंते थे लेकिन उमा भारती ने दलित के घर खाना नहीं खाया।
यहां के दादरी गांव में अपने संबोधन में उमा भारती ने कहा कि मैं दलितों के घर भोजन करने का समर्थन जरूर करती हूं लेकिन मैम किसी दलित के घर में भोजन करने नहीं जाती। उन्होंने कहा कि मैं दलितों को अपने घर में भोजन कराती हूं। भारती ने कहा कि मैं कभी सामाजिक समरसता भोजन का हिस्सा नहीं बनती, क्योंकि मैं अपने आप को भगवान राम नहीं मानती कि शबरी के घर जाकर भोजन किया तो दलित पवित्र हो जाएंगे। दलित जब मेरे घर में आकर भोजन करेंगे, तब मेरा घर धन्य हो जाएगा।
केंद्रीय मंत्री ने दलितों को दिल्ली आने का निमंत्रण देते हुए कहा कि वहां वह उन्हें भोजना कराएंगी। उमा भारती के दलित के घर भोजन ना करने पर पार्टी नेता ने कहा कि उमा भारती न पहले ही भोजन कर लिया था, जिसके चलते उन्होंने दलितों के साथ भोजन नहीं किया। केंद्रीय मंत्री ने भी बाद में सफाई देते हुए कहा कि उन्हें समरसता भोज की जानकारी नहीं थी, इसलिए वो पहले ही भोजन कर चुकी थीं।
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