Balaghat news: सरकार के सरेंडर प्लान के बीच नक्सलियों ने टांगा शहीदी सप्ताह का बैनर-पोस्टर
मप्र के बालाघाट जिले में रूपझर थाने के सोनेवानी पुलिस चौकी के नजदीक इस बार भी नक्सलियों ने शहीदी सप्ताह के बैनर पोस्टर टांग दिए है। जिससे इलाके में लाल आतंक की दहशत फिर बढ़ गई है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक यहाँ च
बालाघाट, 29 जुलाई: मध्यप्रदेश सरकार एक तरफ नक्सलियों की तस्वीर बदलने की तैयारी में जुटी है, तो उसके उलट नक्सलियों ने अपना खौफ बरक़रार रखने, अपने इलाकों में बैनर-पोस्टर टांग दिए है। हर बार की तरह इस बार भी, अपने मारे गए साथियों की याद में शहीदी सप्ताह मनाया जा रहा है। बालाघाट जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र चालीसबोडी तिराहे पर बैनर-पोस्टर टाँगे जाने का दावा किया जा रहा है। हालाँकि इस सिलसिले में पुलिस ने पुष्टि नहीं की, पर सोशल मीडिया में वायरल बैनर-पोस्टर कई सवाल उठा रहे है।
नक्सली इसलिए मनाते है शहीदी सप्ताह
मप्र के बालाघाट जिले में रूपझर थाने की सोनेवानी पुलिस चौकी है। उसके नजदीक इस बार भी नक्सलियों ने शहीदी सप्ताह के बैनर पोस्टर टांग दिए है। जिससे इलाके में लाल आतंक की दहशत फिर बढ़ गई है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक यहाँ चालीसबोडी तिराहे के कॉर्नर पर लाल रंग का बैनर टांगा गया, साथ ही वही एक पर्चा चस्पा किया गया है। जिसमें 28 जुलाई से 3 अगस्त तक शहीदी सप्ताह मनाने का ऐलान किया गया। कहा जाता है कि इलाके में सक्रिय नक्सली अपने पुराने साथी जो पुलिस एनकाउंटर में मारे जाते है, उनकी याद में यह आयोजन करते है। जिसमें किसी वारदात को अंजाम देने की परंपरा भी रहती है।
अलर्ट मोड पर पुलिस, बढ़ाई गई सर्चिंग
नक्सलियों के द्वारा क्षेत्र में बैनर टांगे जाने और पर्चे चस्पा करने के मामले से पुलिस इंकार कर रही है। सुरक्षा के मद्देनजर इलाके में सर्चिंग बढ़ा दी गई है, साथ ही पुलिस अलर्ट मोड पर है। सूत्र बताते है कि शहीदी सप्ताह के बैनर पर्चे की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद, पुलिस ने उन्हें अपने कब्जे में ले लिया। कुछ अन्य जगहों पर पर्चे फेंके जाने का भी दावा किया जा रहा है। पुलिस का कहना है कि वह पूरी तरह सक्रिय है और हर स्थिति से निपटने के तैयार है।
शिवराज सरकार नक्सलियों के लिए ला रही समर्पण नीति
नक्सलियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए शिवराज सरकार एक योजना ला रही है। जिसका नाम समर्पण नीति दिया गया है। नए प्लान के मुताबिक यदि नक्सली खुद सरेंडर करते है, तो उन्हें पांच लाख रुपये नगद, निशुल्क प्रधानमंत्री आवास और खेती के लिए जमीन दी जाएगी। उनके पीड़ित परिवारों को भी राहत देने की योजना है। गृह मंत्रालय ने इसका एक प्रस्ताव बनाकर कैबिनेट में भेज दिया है। वहां से प्रस्ताव पास होते ही नक्सली, समर्पण नीति के लाभ के हकदार बन जाएंगे। सरकार की योजना के मुताबिक आत्म समर्पण करने वाले नक्सलियों को आत्मनिर्भर भी बनाया जाएगा। इसके लिए कौशल विकास का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
जून में पुलिस मुठभेड़ में मारे गए थे 3 नक्सली
पिछले महीने बालाघाट के कांदला खराड़ी के जंगल में तीन इनामी नक्सलियों को पुलिस ने ढेर किया था। जिसमें एक महिला नक्सली भी शामिल थी। पुलिस मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों के बाद इलाके के लोगों ने भी राहत की सांस ली थी। वही सरकार के नए प्लान की चर्चा से लग रहा था कि इस बार नक्सली शहीदी सप्ताह जैसा कोई आयोजन नहीं करेंगे। अपना खौफ पैदा करने का अंदाज इस बार नहीं दिखाएंगे।